वॉट्सऐप यूज़र्स सावधान, पता लग जायेगी मेसेज की पूरी हिस्ट्री
बेंगलुरु। वॉट्सऐप (WhatsApp) पर की जाने वाली पोस्ट के ऑरिजिन (पोस्ट को किसने सबसे पहले डाला) का पता लगाया जा सकता है। यह बात मद्रास हाई कोर्ट को दाखिल की गई रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, वॉट्सऐप अपने एनक्रिप्टेड प्लैटफॉर्म पर पहले सेंडर की इंफॉर्मेशन के साथ कंटेंट को इंबेड करके मेसेज के ऑरिजिन का पता लगा सकता है।
31 जुलाई को हाई कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सबमिट करने वाले IIT-मद्रास के प्रोफेसर वी कामकोटि ने दो विकल्प सुझाए हैं, जिसका इस्तेमाल अमेरिकी मेसेजिंग प्लैटफॉर्म वॉट्सऐप कर सकता है। पहले ऑप्शन के तहत वॉट्सऐप एक ओपन और विजिबल फॉर्मेट में इंफॉर्मेशन को इंबेड कर सकता है। दूसरे विकल्प में इसे एनक्रिप्टेड करके किया जा सकता है। कामकोटि, प्रधानमंत्री कार्यालय में नेशनल सिक्यॉरिटी एडवायजरी बोर्ड के मेंबर भी हैं। उन्होंने लिखा है, ‘हमने मद्रास हाई कोर्ट को इसके लिए दो सुझाव उपलब्ध कराए हैं। हालांकि, वॉट्सऐप के पास ऑरिजनल इंफॉर्मेशन हासिल करने के लिए दूसरे तरीके भी हो सकते हैं।’
हाई कोर्ट ने 24 जुलाई को प्रोफेसर कामकोटि को वॉट्सऐप मेसेज के ऑरिजिन का पता लगाने से जुड़ी तकनीकी संभावनाओं पर अपने विचार सबमिट करने के लिए कहा था। पहले ऑप्शन में शुरुआत वाली इंफॉर्मेशन को हर एनक्रिप्टेड मेसेज के साथ शामिल किया है। इसका मतलब है कि वॉट्सऐप मेसेज पाने वाला हर व्यक्ति जान पाएगा कि आखिर किस व्यक्ति ने ऑरिजनल मेसेज भेजा। वहीं, दूसरे ऑप्शन में भी शुरुआत वाले मेसेज को हर एनक्रिप्टेड मेसेज के साथ शामिल किया गया है, लेकिन मेसेज पाने वाले व्यक्ति इसे देख नहीं पाएंगे, क्योंकि इंफॉर्मेशन एनक्रिप्टेड रहेगी।
हालांकि, जरूरत पड़ने पर वॉट्सऐप इस लॉ इंफोर्समेंट एजेंसियों के साथ साझा कर सकेगा। कामकोटि ने यह भी स्पष्ट किया है कि अगर मेसेज को किसी भी रूप में मोडिफाइड किया जाता है- चाहे वह कॉपी ऐंड पेस्ट के जरिए हो या किसी यूजर द्वारा टेक्स्ट, इमेज, ऑडियो या विडियो जोड़कर किया जाए- तो ऐसा करने वाला यूजर ही शुरआती यूजर बन जाएगा।