यहां बाॅस की इजाजत के बिना नहीं हो सकते गर्भवती
टोक्यो। समाज में महिलाओं के लिए बड़ी बंदिशें हैं। अगर वो गर्भवती न हो तो उसे ताने दिए जाते हैं। अगर वो गर्भपात कराती तो उसे अलग नजर से देखा जाता है। मगर महिलाओं की आजादी पर पहरा लगाने के लिए इरादे से जापान एक कदम और आगे बढ़ गया है। यहां कंपनियां तय कर रही हैं महिलाएं कब मां बनेंगी। जापान में कंपनियां अपने मुताबिक कर्मचारियों की निजी जिंदगी चला रही हैं। यहां कर्मचारियों को तुगलकी फरमान जारी किया जा रहा है कि उन्हें कब शादी करनी है और कब बच्चा पैदा। ये जानकारी तब सामने आई, जब नर्सरी में काम करने वाली महिला कर्मचारी के पति ने ये खुलासा किया कि, उसकी पत्नी को उसका बॉस इसलिए ताने दे रहा है, क्योंकि वो गर्भवती हो गई।
इतना ही नहीं महिला के पति ने इस चाइल्ड केयर सेंटर में कर्मचारियों के साथ हो रहे बुरे बर्ताव की जानकारी दी। उसने बताया कि, चाइल्ड केयर सेंटर के डायरेक्टर, जहां उसकी पत्नी काम करती है ने सभी कर्मचारियों को ये कह रखा है कि, किसी भी कर्मचारी को शादी करने और गर्भवती होने से पहले मंजूरी लेनी होगी। यहां वरिष्ठता के हिसाब से ये तय होता है कि कौन सा कर्मचारी पहले शादी करेगा। अगर कोई महिला कंपनी के नियमों के खिलाफ जाकर गर्भवती हो जाती है तो उसे कंपनी के हित में सही नहीं माना जाता है। इस अजीब फरमान का खुलासा करने वाले शख्स ने बताया कि, “मुझे और मेरी पत्नी को इसके लिए माफी मांगनी पड़ी कि बिना मंजूरी के वो गर्भवती हो गई। डायरेक्टर ने बड़ा गुस्सा दिखाते हुए हमारी माफी मानी। मगर अगले दिन से ही वो मेरी पत्नी को ताने दे रहा है।”
ऐसे ही एक मामले में भी हैरान करने वाली बात सामने आई। 26 साल की, जोकि टोक्यो की एक कॉस्मेटिक्स कंपनी में काम करती है। उसे और बाकी 22 महिला कर्मचारियों को कंपनी को ई-मेल भेजकर अपनी शादी और गर्भवती होने की जानकारी देनी पड़ी। बात यहां तक तो ठीक थी। मगर इसके बाद जो हुआ, वो वाकई हैरान करने वाला है। क्योंकि ई-मेल पर जानकारी देने के बाद इस महिला कर्मचारी को सुपरवाइजर ने कहा कि वो 35 साल तक गर्भवती न हो। नया नियम केवल महिलाओं की निजता में ही दखल नहीं दे रहा। बल्कि उसने जापान में कर्मचारियों के लिए काम के बुरे होते हालात के बारे में भी बताया है। जापान में पहले से ही बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है और ज्यादा काम की वजह से यहां लोगों के पास परिवार बसाने का वक्त ही नहीं है। ऐसे में इस नियम ने लोगों की परेशानियों और बढ़ा दी हैं।