यहाँ खुली गोवंश को लेकर देश की पहली प्रयोगशाला, सीएम ने किया उद्घाटन
देहरादून। देशभर में धार्मिक नगरी के तौर पर प्रसिद्ध ऋषिकेश अब एक और चीज के लिए पहचाना जाएगा। आपको बता दें कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के अंतर्गत देश की पहली सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन प्रयोगशाला ऋषिकेश में अस्तित्व में आ गई है। इस प्रयोगशाला में तैयार सेक्स सॉर्टेड सीमेंट से 90 प्रतिशत से अधिक गोवंश सिर्फ बछिया ही पैदा करेंगे।
उत्तराखंड लाइवस्टोक डेवलपमेंट बोर्ड पशुपालन विभाग की ओर से तैयार की गई सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन प्रयोगशाला का गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, पशुपालन मंत्री रेखा आर्य व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने लोकार्पण किया। राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत बनाई गई इस प्रयोगशाला का काम छह माह पूर्व शुरू हुआ था, जो अपनी तय अवधि से एक दिन पहले ही पूरा हो गया।
अब इस प्रयोगशाला ने काम करना शुरू कर दिया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सड़कों पर जिस तरह से नर गोवंश क्रूरता का शिकार होता है, वह बेहद कष्टदायी है। उन्होंने कहा कि सेक्स सॉर्टेड सीमेन उत्पादन के बाद यह तय है कि गोवंश 90 फीसद से अधिक बछिया ही पैदा करेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में 20 लाख के करीब गोवंश व 9.88 लाख महीश वंश है।
गोवंश में पांच लाख 42 हजार देशी नस्ल व दो लाख 56 हजार क्रॉस ब्रीड शामिल हैं। उन्होंने कहा कि देशी गोवंश गुणों की खान है, इनमें खासकर बद्री गाय सभी तरह से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य पशुपालकों की आय को बढ़ाने के साथ-साथ देश में मौजूद गोवंश की नस्लों का सुधार कर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस दिशा में यह प्रयोगशाला महत्वपूर्ण साबित होगी।
पशुपालन मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि यह प्रयोगशाला देश की पहली प्रयोगशाला है, जो बनकर तैयार हो चुकी है और काम करना शुरू कर चुकी है। उन्होंने कहा कि इस प्रयोगशाला के बनने के बाद निश्चित रूप से पशुपालकों की आय में इजाफा होगा। सबसे बड़ी बात यह की सड़कों पर निराश्रित गोवंश में कमी आएगी। इस अवसर पर नगर निगम की मेयर अनीता ममगाई, उपाध्यक्ष पशु कल्याण बोर्ड विनोद आर्य, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. केके जोशी, सीईओ एनएस नयाल, कैलाश उनियाल, डॉ. प्रकाश कालिका आदि उपस्थित थे।