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यहां वोट डालने पर सरेबाजार होती है महिलाओं की पिटाई

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में एक ऐसा गांव है, जहां आज भी महिलाएं वोट नहीं डालती। लोकतंत्र में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार तो मिला हुआ है, लेकिन फिर भी पाकिस्तान के मोहरीपुर गांव की महिलाओं को वोट डालने की परमिशन नहीं है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि गांव के पुरुष नहीं चाहते कि महिलाएं वोट डालने जाएं। पुरुषों ने 1947 से ही महिलाओं के ऊपर वोट डालने को लेकर रोक लगा रखी है और महिलाएं भी पुरुषों के इस आदेश का पालन आज तक करते आ रही हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक अगर कोई महिला वोट डालने जाती भी है तो उनके पति भरे बाजार में उनकी जमकर पिटाई करते हैं।

गांव के मुखिया मलिक खादिम हुसैन का कहना है कि महिलाओं का वोट न देना गांव में एक तरह का रिवाज बन गया है। उन्होंने कहा, ‘यह एक तरह का रिवाज बन गया है कि हमारे गांव की महिलाएं वोट नहीं देती हैं। महिलाएं अपने बड़ों के फैसलों का पालन करती हैं और वोट नहीं देतीं।’ पुरुषों का मानना है कि महिलाएं अगर वोट देंगी तो यह एक तरह से उनका अपमान होगा। न्यूज के मुताबिक गांव की एक महिला का कहना है, ‘महिलाएं वोट देने की कोशिश करती हैं, लेकिन आखिर में उनके पति उन्हें परमिशन ही नहीं देते। महिलाएं कहती हैं कि अगर वे खुद अकेले वोट देने जाएंगी, तो उधर लड़ाई होगी, उन्हें मारना शुरू कर दिया जाएगा, तो फिर उनकी इज्जत कहां जाएगी।’

हालांकि इस गांव की तस्वीर 25 जुलाई को होने वाले चुनावों के वक्त इस बार बदल सकती है, क्योंकि पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) ने वोटर्स के सामने बड़ी चुनौती रखी है। आयोग ने कहा है कि इस बार प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम 10 प्रतिशत वोटर्स महिलाएं होनी चाहिए, अन्यथा चुनाव के परिणाम रद्द हो जाएंगे। आयोग ने साथ ही यह जानकारी भी दी कि करीब 20 मिलियन नए वोटर्स ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है, इनमें से 9.13 मिलियन वोटर्स महिलाएं हैं। बता दें कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को चुनाव होने वाले हैं।

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