ये कैसा दोहरा नियम ?

देहरादून। यातायात पुलिस द्वारा नगर में बढ़ते यातायात और जाम की समस्या से आम जनता को निजात दिलाने के लिए नगर के कई स्थानों पर नो पार्किंग जोन बनाये गये हैं। इन स्थानों पर सभी के लिए वाहन पार्किंग पूरी तरह से वर्जित है किन्तु आम जनता को कानून का पाठ पढ़ाने वाली दून पुलिस ही जब नियमों को ठेंगा दिखाने लगे तो क्या कहेंगे?
जी हां ऐसा ही नजारा कई मर्तबा राजधानी देहरादून के घंटाघर पर देखने को मिलता है जहां स्थानीय पुलिस द्वारा सुगम यातायात के दृष्टिकोण से नो पार्किंग जोन बनाया है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मारक के निकट बने इस नो पार्किंग जोन पर जनता द्वारा वाहनों का रोके जाना पूर्णतयः प्रतिबंधित है फिर ऐसे में यहां वाहन खड़ा करना तो असंभव ही है। यदि कोई ऐसा करता हुआ नजर आ जाये तो वहां तैनात यातायात पुलिसकर्मी तुरन्त चालान बुक लेकर पंहुच जाते हैं और उक्त वाहन का चालान हो जाता है किन्तु इसी स्थान पर वाहन पार्क करने की पुलिस को पूरी छूट है।
अक्सर पुलिस के कई वाहन इस स्थान पर खड़े आसानी से देखे जा सकते हैं। कमोबेश यही आलम घंटाघर के निकट राजपुर रोड और गांधी रोड जाने वाले स्थानों का भी है जहां पुलिस द्वारा नो पार्किंग जोन बनाये गये हैं। ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि कानून क्या महज आम जनता के लिए ही बनाये जाते हैं? यदि कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने पर आमादा हो जायें तो क्या किया जाये। आखिर ऐसे दोहरे मापदंड अपना कर व ऐसे दोगले नियम बनाकर दून पुलिस क्या दर्शााना चाह रही है। हमारी होनहार पुलिस को ये समझना होगा कि कानून सभी के लिए एक है फिर चाहे वो पुलिस हो या आम जनता।