युवा नेतृत्व से पार्टी में नया जोश आयेगा : सोनिया
नई दिल्ली। कांग्रेस की निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज पार्टी की कमान अपने बेटे राहुल गांधी को सौंप दी और अपने विदाई भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं का सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। सोनिया ने अपने संबोधन में कहा, ‘मैं राहुल को अध्यक्ष निर्वाचित होने पर बधाई, आशीर्वाद और शुभकामनाएं देती हूँ। उन्होंने कहा कि बीस साल पहले जब आपने मुझे अध्यक्ष चुना था तब मैं यहां आपको संबोधित करने के लिए खड़ी थी।
मैं सोच नहीं पा रही थी कि मैं किस तरह इस ऐतिहासिक संगठन को संभालूंगी। तब तक राजनीति से मेरा कोई सक्रिय नाता नहीं था। राजीव जी से विवाह के बाद ही मेरा राजनीति से परिचय हुआ। यह परिवार एक क्रांतिकारी परिवार था। इस परिवार का एक एक सदस्य देश की आजादी के लिए जेल जा चुका था। देश ही उनका मकसद था और देश ही उनका जीवन था। इंदिरा जी ने मुझे बेटी की तरह अपनाया। उनसे मैंने भारतीय संस्कृति के बारे में सीखा। 1984 में उनकी हत्या हुई तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी माँ मुझसे छीन ली गयी।
इस हादसे ने मेरे जीवन को बदल डाला और मैं राजनीति को अलग नजरिये से देखती थी और अपने आपको, अपने पति को और बच्चों को इससे दूर रखना चाहती थी। लेकिन मेरे पति पर बड़ी जिम्मेदारी थी और उन्होंने इसे निभाने के लिए प्रधानमंत्री का पद ग्रहण किया और लोगों की समस्या को समझा और देश की चुनौतियों को पहचानते हुए उन्हें सुलझाया। इंदिरा जी की हत्या के बाद सात साल बीते थे कि मेरे पति की भी हत्या की गयी। मेरा सहारा छीन लिया गया। इस दौर को पार करने में कई साल बीत गये।
जब मुझे महसूस होने लगा कि कांग्रेस पार्टी कमजोर हो रही है और सांप्रदायिक ताकतें बल पा रही हैं तो मुझे महसूस हुआ कि इससे इंदिरा जी और राजीव जी की आत्मा को ठेस पहुंच रही होगी और देश के प्रति अपने कर्तव्यों को समझते हुए मैं राजनीति में आयी। उस समय कांग्रेस के पास शायद केवल तीन राज्य सरकारें थीं। हम केंद्र सरकार से भी काफी दूर थे। इस चुनौती का सामना किसी एक व्यक्ति का चमत्कार नहीं कर सकता था। आप सभी के सहयोग से हमने एक के बाद एक कामयाबी हासिल की और विभिन्न राज्यों में हमारी सरकारें बनीं। अपने सिद्धांतों के प्रति संकल्प से हम केंद्र में भी लगातार दो बार सरकार बनाने में कामयाब हुए।’