देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में जहरीली शराब का सेवन करने वाले एक और शख्स ने दम तोड़ दिया। एम्स ऋषिकेश में भर्ती बुजुर्ग राजू की बृहस्पतिवार शाम उपचार के दौरान
मृत्यु हो गई। राजू की मौत के साथ मृतकों का आंकड़ा सात पहुंच गया है। जाफरान ब्रांड की देसी शराब के सेवन के बाद हालत बिगड़ने पर उसे 20 सितंबर को पुलिस ने एम्स में भर्ती कराया था। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
शहर के पथरिया पीर में 20 सितंबर को जहरीली शराब के सेवन से छह लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस ने उस रात अस्पताल में भर्ती करीब 20 लोगों को राजकीय वाहन से मैक्स और एम्स अस्पताल में भर्ती कराया था, ताकि उन्हें समुचित उपचार मिल सके। इनमें 65 साल का राजू निवासी भी शामिल था।
पुलिस जांच में आया था कि राजू ने अपने पड़ोसी गौरव से शराब खरीदकर पी थी, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ी थी। उपचार के दौरान राजू को आंखों से कम दिखाई दे रहा था। अधिकांश मरीजों को तो छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन राजू की हालत लगातार बिगड़ती चली गई। बृहस्पतिवार साढ़े पांच बजे के करीब राजू ने दम तोड़ दिया। सूचना पर ऋषिकेश पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने बताया कि राजू के परिजन पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे, लेकिन उन्हें समझा-बुझाकर तैयार किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह सामने आने की उम्मीद है। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
वहीं पथरिया पीर के शराब कांड के मामले में पुलिस अधीक्षक देहात प्रमेन्द्र डोभाल की जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। इस मामले में निलंबित किए गए शहर कोतवाली के इंस्पेक्टर शिशुपाल नेगी और धारा पुलिस चौकी के प्रभारी कुलवंत सिंह ने अपने बयान दर्ज करा दिए हैं। उन्हाेंने शराब विक्रेता घोंचू और मच्छर के खिलाफ हुई कार्रवाई का पूरा ब्यौरा उपलब्ध कराया है, जिसमें गुंडा एक्ट के तहत हुई कार्रवाई भी शामिल है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अरुण मोहन जोशी ने पथरिया पीर में जहरीली शराब से छह लोगों की मौत के बाद में शहर कोतवाल शिशुपाल नेगी और धारा पुलिस चौकी प्रभारी कुलवंत सिंह को निलंबित कर दिया था। उन्होंने कहा था कि यह कार्रवाई निष्पक्ष जांच कराने के लिए की गई है। एसपी देहात प्रमेन्द्र डोभाल को पूरे प्रकरण की जांच सौंपी गई थी।
एसपी ने इस मामले में काफी लोगों के बयान दर्ज किए हैं। बृहस्पतिवार को निलंबित निरीक्षक शिशुपाल नेगी और चौकी प्रभारी कुलवंत सिंह ने अपने बयान दर्ज कराए। उन्हाेंने बताया कि घोंचू के खिलाफ 25 जनवरी को गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी, जबकि 15 सितंबर को गैंगस्टर के तहत कार्रवाई शुरू की गई थी। मच्छर के खिलाफ भी गुंडा एक्ट और आबकारी अधिनियम में कार्रवाई हुई है।
उन्होंने शराब विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई का लंबा-चौड़ा ब्यौरा अपने बयानों में दिया। एसपी ने उनसे सवाल-जवाब भी किए। सूत्राें के मुताबिक एसपी की जांच अंतिम चरण में पहुंच गई है। एक-दो दिन में वे एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंप सकते हैं। गौरतलब है कि निलंबन के बाद शहर कोतवाली और धारा पुलिस चौकी में अभी किसी की तैनाती नहीं की गई है।
अब तक सात लोग गवां चुके हैं जान
-राजेंद्र निवासी नई बस्ती पथरिया पीर
-पूर्व फौजी शरण निवासी नई बस्ती पथरिया पीर
-लल्ला निवासी नेशविला रोड पथरिया पीर
-आकाश निवासी पथरिया पीर
-सुरेंद्र चौहान निवासी पथरिया पीर
-इंदर निवासी पथरिया पीर
-राजू निवासी पथरिया पीर