धोखाधड़ी का शिकार बना शिक्षक
देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य के निर्माण के बाद से ही राज्य में भू-माफियाओं और बिल्डर लाॅबी ने पैर पसारने शुरू कर दिये। भू-माफियाओं के खास निशाने पर आयी राजधानी देहरादून। यदि दून नगरी की ही बात करें तो यहां बीते कुछ वर्षों में जमीनों की खरीद-फरोख्त को लेकर भू-माफियाओं के द्वारा किये जा रहे धोखाधड़ी के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है। जमीनों के सोदे को लेकर किये गये धोखाधड़ी की घटनाएं आये दिन प्रकाश में छायी रहती हैं। ऐसे ही एक ताजा प्रकरण में किसी और की जमीन का सौदा करके एक प्रॉपर्टी डीलर ने शिक्षक से सात लाख रुपये ठग लिए। पीड़ित को धोखाधड़ी का पता तब चला जब प्रॉपर्टी डीलर रजिस्ट्री करने में आनाकानी करने लगा। आरोपी के खिलाफ पटेलनगर पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
रुद्रप्रयाग के ग्राम चंद्रापुरी तहसील वासुकेदार निवासी विक्रम चंद्रवाण पुत्र नंदलाल राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय गुलाबकोटी चमोली में अध्यापक हैं। करीब पांच साल पहले वह जमीन खरीदने के सिलसिले में देहरादून आए थे। यहां उनका संपर्क अशोक कुमार पुत्र स्व. हरकेश सिंह निवासी बंजारावाला से हुआ। अशोक ने विक्रम को बताया कि बड़ोवाला में उसका 227 गज का एक प्लॉट है, जिसे वह बेचना चाहता है। विक्रम को प्लॉट पसंद आ गया और सौदा आठ लाख रुपये में तय हुआ। इसके बाद विक्रम ने अशोक के खाते में सात लाख रुपये भेज दिए। इसके बाद उसने रजिस्ट्री के लिए कहा तो अशोक टालमटोल करने लगा। कई बार कहने के बावजूद अशोक ने रजिस्ट्री नहीं की तो विक्रम को शक हुआ।
उन्होंने राजस्व विभाग से संबंधित जमीन के दस्तावेज निकलवाए तो सच जानकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उक्त जमीन किसी और के नाम पर दर्ज थी। उन्होंने इसकी शिकायत फरवरी 2016 में एसआइटी से की। एसआइटी की जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद मामले में मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए गए। मामले में सोमवार को अशोक के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा पंजीकृत किया गया।