मायावती पर टिप्पणी करने पर गंवाना पड़ा पद
नयी दिल्ली। भाजपा के एक नेता को बसपा सुप्रीमों मायावती पर अभद्र टिप्पणी करना भारी पड़ गया। उत्तर प्रदेश में भाजपा के वरिष्ठ नेता की इस हरकत की विभिन्न दलों ने कड़ी निंदा की है। वहीं इस टिप्पणी से शर्मिंदा होकर भाजपा ने खेद जताया है और पार्टी नेता को पद से हटा दिया है लेकिन इस मुद्दे पर हंगामे के चलते आज राज्यसभा में कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी। भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मउ में संवाददाताओं से कहा, ‘मायावती कांशीराम के सपने को चूर-चूर कर रही हैं। मायावती … की तरह टिकट बेच रही हैं।’
सिंह ने आरोप लगाया, ‘मायावती एक करोड़ रूपये में टिकट बेचती हैं और अगर किसी ने दो करोड़ रूपये दे दिए तो एक घंटे के अंदर वह इसे दो करोड़ में बेच देती हैं। अगर शाम तक किसी ने तीन करोड़ रूपये दे दिए तो वह उसी को टिकट दे देती हैं।’ सिंह ने कहा, ‘वह … से भी बदतर हैं। कांशीराम के समय से बसपा के लिए काम कर रहे इसके कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं।’ पार्टी उपाध्यक्ष बनने के बाद वह कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पहली बार मउ आए थे। सिंह की टिप्पणी की महिला सांसदों सहित राज्यसभा के सदस्यों ने कड़ी निंदा की। उपसभापति पी.जे. कूरियन ने कहा कि सदन चाहता है कि सरकार भाजपा नेता के खिलाफ उनकी ‘अक्षम्य’ टिप्पणी के लिए कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे।
दयाशंकर सिंह के इस बयान की चौतरफा निंदा हुई। निंदा करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, द्रमुक की कनिमोई, कांग्रेस की कुमारी शैलजा और रेणुका चौधरी, माकपा के टी.के. रंगराजन और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हैं और उन्होंने भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की। राज्यसभा में सदन के नेता अरुण जेटली ने पार्टी की तरफ से खेद जताया और कहा कि बयान काफी निंदनीय है। जेटली ने कहा, ‘यह काफी निंदनीय है कि एक राजनीतिक नेता एक प्रमुख महिला नेता के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करे। मैं इस तरह के शब्दों के प्रयोग पर खेद जताता हूं और सुनिश्चित करूंगा कि संबंधित प्लेटफॉर्म पर मामला उठाया जाए। मैं व्यक्तिगत रूप से मायावती से खेद जताता हूं और गरिमा की रक्षा के लिए हम आपके साथ हैं।’