36 मासूमों की जान जोखिम में डालकर सड़क पर दौड़ाता रहा स्कूल वैन, कई जगह मारी टक्कर
देहरादून। तीर्थनगरी ऋषिकेश में मासूम बच्चों की जान जोखिम में डालने का एक सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। सोमवार को 36 बच्चों को घर छोड़ने जा रही डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की बस रास्ते में करीब 10 बार इधर-उधर टकराते हुई गंतव्य तक पहुंची। गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ। इस दौरान बच्चे बस में दुबके बैठे रहे। बस की टक्कर से तपोवन में एक दुकान के परखच्चे उड़ गए। फिलहाल इस गंभीर मामले पर स्कूल प्रबंधन चुप्पी साधे हुए है।
ताज़्ज़ुब है कि स्कूल वाहन दुर्घटनाओं से भी स्कूल प्रबंधन सबक नहीं ले रहे हैं। घटना सोमवार अपराह्न करीब 12 से एक बजे के बीच की है। श्यामपुर के गुमानीवाला स्थित डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल की 27 नंबर बस बच्चों को घर छोड़ने के लिए बस रवाना हुई थी। स्कूल से निकलने के बाद बस रास्ते भर वाहनों को टक्कर मारते हुए किसी तरह तपोवन क्षेत्र पहुंची। इस दौरान बस में करीब 36 बच्चे सवार थे।
बस की टक्कर का आखिरी शिकार तपोवन में एक दुकान हुई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि दुकान की छत उड़ गई। बस को लड़खड़ाता देख लोगोें ने आगे आकर शोर मचाते हुए चालक को ब्रेक लगाने का इशारा किया। इसके बावजूद स्पीड धीमी नहीं हुई। आखिर में भीड़ के नजदीक जाकर बस रुक पाई। बस रुकते ही लोगों ने बस चालक को घेरकर फटकारना शुरू किया।
सूचना पाकर बच्चों के परिजन भी एकत्रित हो गए। कुछ लोगों ने लक्ष्मणझूला सहित मुनिकीरेती और कोतवाली ऋषिकेश पुलिस को भी सूचना दी। इसके बावजूद कोई पुलिसकर्मी मौके पर नहीं पहुंचा। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, बस चालक का कहना था कि वह करीब 30 साल बाद वाहन का स्टियरिंग संभाल रहा है।
बस में सवार कंडक्टर ने भी लोगों को बताया कि उसने चालक को समझाया था कि वाहन नहीं संभल रहा है। कहीं पार्क कर दो, दूसरा चालक आकर ले जाएगा। इस पर भी बेअंदाज बस चालक नहीं माना और 36 बच्चों की जान जोखिम में डालकर वाहन को सड़क पर दौड़ाता रहा। इस मामले में डीएसबी इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल शिव सहगल भी कुछ कहने से बचते नज़र आये।
खोखा के मालिक मोहन नेगी ने बताया कि डीएसबी स्कूल की बस का चालक अनाड़ी था। खोखे के समीप अन्य दुकानों पर भी उसने बस से टक्कर मारी। उसने बताया कि ड्राइवर ने स्वयं स्वीकारा किया है कि वह 30 वर्षों के बाद बस चला रहा है। डीएसबी स्कूल मेें 11वीं के एक छात्र की मां ने बताया कि उनके बच्चे ने घर पहुंचकर बस दुर्घटना के बारे में बताया। इसकी शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल से की जाएगी।