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60 डिग्री तापमान में भी जिंदा रहती हैं ये चीटियां

नई दिल्ली। जर्मनी के शोधकर्ताओं ने दुनिया की सबसे तेज रफ्तार से चलने वाली चीटियों का पता लगाया है। ये उत्तरी सहारा के रेगिस्तान में पाई जाती हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, सिल्वर रंग वाली इन चीटियों को सिल्वर ऐंट कहते हैं और ये अपनी शरीर की लंबाई से 108 गुना दूरी एक सेकंड में तय कर लेती हैं। 1.3 मीटर/सेकेंड की रफ्तार से अपना पैर फैलाने वाली ये चीटियां 855 मिलीमीटर/सेकेंड की स्पीड से चल सकती हैं।

रिसर्च करने वाली जर्मनी की उल्म यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि चीटियों को बारे में अधिक रिसर्च के लिए कैमरा लगाकर इन पर नजर रखी गई। चीटियों के बारे जानकारी इकट्ठा करने के लिए शोधकर्ता दक्षिणी ट्यूनीशिया के डाउज पहुंचे। जहां उन्होंने रेत में इन्हें देखा। वीडियो में सामने आया कि ये खाने की तलाश में दोपहर को तपती धूप में निकलती हैं। ये धूप में एक सेकंड में एक मीटर दौड़ती हैं।

 

इसकेछह पैर हैं और हवा तेज चलने पर इनकी चलने की गति और भी बढ़ जाती है। वैज्ञानिक नाम कैटाग्लायफिस बॉम्बेसिना है। रेगिस्तान में रहने वाले ज्यादातर जीव दोपहर में तेज धूप के समय रेत में छिप जाते हैं जबकि सिल्वर ऐंट का स्वभाव इसके उलट है। ये दोपहर में और भी ज्यादा तेजी से अपना काम करती हैं।

 

अधिकतम तापमान में ये अपने घोसले से निकलती हैं और भोजन की तलाश शुरू करती हैं। इनके शरीर पर चमकीले बाल पाए जाते हैं जिन्हें सिल्वर हेयर कहते हैं। ये सूरज की किरणों को परवार्तित करते हैं। इसीखूबी के कारण यह 60 डिग्री तापमान में भी खुद को जिंदा रखने में सक्षम हैं। चलने की गति और भोजन ढूंढने की खास स्किल के कारण ये धूप के साइड इफेक्ट होने से पहले अपने घरमें लौट जाती है।

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