अब झपकी आने पर नहीं होंगे हादसे का शिकार!
देहरादून। देहरादून के युवा वैज्ञानिक अभिलाष सेमवाल एक के बाद एक अपने अविष्कारों से इनोवेशन के क्षेत्र में नई बुलंदियां हासिल कर रहे हैं। पहले मोबाइल बॉम्ब डिटेक्टर से देश ही नहीं, विदेशों में भी तारीफें बटोर चुके अभिलाष ने अब ‘इंस्टेंट एंटी ड्राइविंग सेफ्टी बैंड’ बनाया है। ये बैंड ड्राइविंग के दौरान झपकी आने से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने में कारगर साबित होगा। यह रिस्ट (हथेली) बैंड ड्राइवर को नींद की झपकी लगते ही एंटी रेजिस्टेंट शॉक (नुकसान न पहुंचाने लायक झटका) देगा, जो ड्राइवर को अलर्ट कर देगा।
देहरादून के सरस्वती विहार निवासी अभिलाष सेमवाल (24 वर्ष) ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी में एमटेक प्रथम वर्ष के छात्र हैं। अभिलाष सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने बीटेक की पढ़ाई के दौरान मोबाइल बॉम्ब डिटेक्टर तैयार किया था। इस मोबाइल बॉम्ब डिटेक्टर की कई देशों ने भी सराहना की थी। अब अभिलाष ने सड़क हादसों को रोकने के लिए एक प्रयास किया है। उनकी यह नई डिवायस भी अभी से चर्चा में है।
इस अविष्कार में एक हथेली पर पहनने के लिए बैंड, ब्लूटूथ डिवाइस व मोबाइल सॉफ्टवेयर शामिल है। बैंड में बॉडी स्केनर सेंसर लगा है। जो ड्राइवर की स्लीपिंग पल्स को रीड करता है। जैसे ही ड्राइवर को नींद की झपकी आती है, तुरंत शॉकिंग सिस्टम सक्रिय होता है और ड्राइवर को एंटी रैसिस्टेंट शॉक लगता है। इससे ड्राइवर अलर्ट हो जाता है। वहीं, ब्लूटूथ डिवाइस में क्लाउड कम्प्यूटिंग सिस्टम लगा है, जो सेटेलाइट के माध्यम से वाहन स्वामी को मोबाइल सॉफ्टवेयर पर जानकारी देता रहता है।
वाहन चलाते समय चालक को बैंड पहनना है। साथ ही ब्लूटूथ डिवाइस को वाहन में रखना होता है। यह ब्लूटूथ डिवाइस, बैंड और कार के जीपीएस सिस्टम से कनेक्ट हो जाता है। इसके बाद बैंड ड्राइवर की स्लीपिंग पल्स डाउन होने पर शॉक देता है। वाहन स्वामी अपने मोबाइल के सॉफ्टवेयर के जरिये वाहन चालक की गतिविधियों पर भी नजर रखता है। अधिक शॉक लगने पर वाहन स्वामी समझ जाता है कि ड्राइवर ने अधिक मात्रा में एल्कोहल का सेवन किया है। वाहन किस समय, किस स्थान पर है, पल-पल की जानकारी भी वाहन स्वामी को मिलती रहती है।
अभिलाष सेमवाल ने दो साल पहले मोबाइल बॉम्ब डिटेक्टर बनाया था। यह उपकरण नाइजीरिया सरकार को बेहद पंसद आया था और वहां की सरकार ने अभिलाष के उपकरण को अपने देश में बम विस्फोटों की रोकथाम में उपयोग किया था। यह उपकरण कारगर साबित भी हुआ है। इस उपकरण को फिट करने पर यह एक किलोमीटर के दायर में बम से निकलने वाली हीलियम, पोटेशियम नाइट्रेट, एचएमयूएन जैसी जहरीली गैसों की गंध को पकड़ लेता है और मोबाइल एप के जरिए लोकेशन बताता है।