सीनियर वकीलों को चीफ जस्टिस ने लगाई फटकार
नई दिल्ली। भारत के चीफ जस्टिस ने दिल्ली सरकार पर चल रहे विवाद और अयोध्या विवाद केस की सुनवाई में वकीलों के तरीकों पर नाखुशी जाहिर की है। गुरुवार को संविधान पीठ के मुख्य जज के तौर पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मिश्रा ने इन दोनों ही केसों के वकीलों के तौर-तरीके को लेकर बेहद तल्ख टिप्पणी की।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने वकीलों से संयम बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर बार अपने आप को रेग्युलेट नहीं करता तो हम इस रेग्युलेट करेंगे। साथ ही जस्टिस मिश्रा ने कहा कि ऊंची आवाज में बहस करने के तरीको को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सीनियर वकीलों से नाराजगी जताते हुए उन्होंने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ वकील सोचते है कि वो ऊंची आवाज में बहस कर सकते है। जबकि वो यह नहीं जानते इस तरह बहस करना बताता है कि वो सीनियर वकील होने के लिए सक्षम नहीं हैं।’
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, ‘दिल्ली सरकार के केस में अगर वरिष्ठ वकील राजीव धवन के तर्क बेहद उद्दंड और खराब थे तो अयोध्या विवाद में कुछ सीनियर वकीलों का लहजा और भी अधिक खराब था। इन दोनों केस में वकीलों के बेकार और उद्दंड तर्कों के बारे में जितना कम कहा जाए उतना ही ठीक रहेगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की तर्क शैली और रवैये की आलोचना की। कोर्ट ने कहा कि अयोध्या जमीन विवाद और दिल्ली सरकार की केंद्र के खिलाफ लड़ाई वाले केस में कुछ सीनियर वकीलों ने खराब आचरण की बानगी पेश की। बता दें कि अयोध्या केस में सुनवाई बुधवार को हुई थी जिसके बाद अगली सुनवाई की तारीख फरवरी में रखी गई है।
दिल्ली सरकार का केंद्र और एलजी के साथ सत्ता को लेकर टकराव का केस भी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। बता दें कि दिल्ली सरकार और केंद्र के खिलाफ सत्ता के टकराव केस में राजीव धवन और अयोध्या विवाद केस में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल केस लड़ रहे हैं।