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संगीनों के साये में परदे पर उतरी पद्मावत

नई दिल्ली। देश के कई हिस्सों में हंगामे, तोड़फोड़ और हिंसा के बीच फिल्म पद्मावत गुरुवार को फिल्मी परदे पर उतरेगी। फिल्म पर रोक की संभावना खत्म होने के बाद राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में राजपूत समुदाय ने फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन जारी रखा। फिल्म का शुरू से विरोध कर रही करणी सेना ने गुरुवार को जनता कर्फ्यू का एलान किया है। इससे पहले करणी सेना ने कहा था कि उनका बनाया विशेषज्ञों का एक पैनल फिल्म देखने के बाद कोई फैसला करेगा। लेकिन पैनल की राय अभी तक सामने नहीं आई है।
बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय ने फिल्म को पूरे देश में प्रदर्शित करने संबंधी अपने 18 जनवरी के आदेश में संशोधन करने से इनकार करते हुए कहा था कि लोगों को यह निश्चित तौर पर समझना चाहिए कि उन्हें शीर्ष अदालत के फैसले का पालन करना ही होगा। राजपूत करणी सेना जैसे कुछ संगठनों ने कहा है कि फिल्म इतिहास को तोड़मरोड़कर पेश करती है और उनकी महारानी पद्मावती तथा राजपूत गौरव का अपमान करती है। इतिहासकारों के बीच इस बात पर मतभेद हैं कि महारानी का वास्तव में अस्तित्व था भी या नहीं।

बहरहाल पद्मावत की रिलीज के खिलाफ बढ़ते हिंसक प्रदर्शनों के बीच मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन आॅफ इंडिया ने कहा कि उसके सदस्य ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म का प्रदर्शन राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में नहीं करेंगे। मॉल में तोड़फोड़ करने, वाहनों को जलाए जाने और फिल्म की रिलीज को रोकने की कोशिश के तहत थियेटर मालिकों और आम लोगों को खुली चेतावनी दिए जाने के बाद संघ ने यह निर्णय किया। यह संघ भारत के 75 प्रतिशत मल्टीप्लेक्सों के मालिकों का प्रतिनिधित्व करता है।
संघ के अध्यक्ष दीपक अशर ने बताया, हमने चार राज्यों-राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और गोवा में फिल्म का प्रदर्शन नहीं करने का फैसला किया है क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने हमसे कहा है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति अनुकूल नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन राज्यों में फिल्म रिलीज होगी, वहां सिनेमा हॉल के बाहर पुलिस के अलावा निजी सुरक्षा गार्ड भी तैनात किए जाएंगे।

इस बीच गुड़गाव, जयपुर, भोपाल और लखनऊ से मिली खबरों के अनुसार राजपूत संगठनों ने राज्य में कई इलाकों में तोड़फोड़, आगजनी की। फिल्म रिलीज होने के एक दिन पहले कई माल मल्टीप्लेक्स और सिनेमा थियेटरों पर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारी स्वयं को करणी सेना का कार्यकर्ता बता रहे थे। इधर निषेधाज्ञा के बावजूद गुरुग्राम में दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के खिड़की दौला टोल प्लाजा पर करणी सेना के सैकड़ों समर्थकों ने यातायात बाधित किया। कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। राजस्थान के जयपुर, सीकर व अन्य कुछ हिस्सों में फिल्म पद्मावत के प्रदर्शन से पहले प्रदर्शनकारियों ने रैली निकालकर, सड़कों पर जाम करके और वाहनों में तोड़फोड़ करके विरोध प्रदर्शन किया।
उधर श्रीराजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेंद्र सिंह कालवी ने कहा कि फिल्म का सिनेमाघरों में प्रदर्शन रोकने के लिए किसी भी सूरत में देशव्यापी ‘जनता कर्फ्यू’ लगाया जाएगा। कालवी ने पद्मावत के प्रदर्शन से पहले करणी सेना के सदस्यों के फिल्म देखने की खबरों को खारिज कर दिया।
पहले यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी थी, लेकिन सेंसर प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर इसकी रिलीज टल गई। सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में पांच सुधार करने को कहा था जिसमें नाम ‘पद्मावती’ से ‘पद्मावत’ करना भी शामिल था। करणी सेना ने पद्मावती के लोगों के सामने राजस्थानी लोक नृत्य घूमर करने पर आपत्ति जताई थी।

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