जानिए राहुल को पीछे बिठाने पर राजदीप सरदेसाई ने क्या कहा
नयी दिल्ली। देश के 69वें गणतंत्र दिवस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में जगह दिये जाने पर सियासी प्रतिक्रियाएं लगातार आ रही हैं। पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है, और कहा है कि राहुल गांधी को इस मौके का फायदा उठाना चाहिए था। राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट किया, ‘राहुल गांधी को रिपब्लिक डे परेड में चौंथी पंक्ति में सीट देने का यह क्या चक्कर में मैं इसके बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं जानता हूं, यदि मैं राहुल गांधी के जगह पर होता तो एक आम आदमी का टिकट खरीदता और जनता के साथ बैठता और बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाता…राजनीति में आपको मौकों का फायदा उठाना पड़ता है।’ बता दें कि 26 जनवरी को राजपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को छठी पंक्ति में जगह दी गई थी। राहुल गांधी केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से पीछे बैठे दिखे थे, उनके साथ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद बैठे थे।
राहुल को गणतंत्र दिवस पर अग्रिम पंक्ति में नहीं बिठाये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गणतंत्र दिवस के राष्ट्रीय पर्व पर अहंकारी शासकों ने सारी परम्पराओं को दरकिनार कर दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी सरकार की ओछी राजनीति जग जाहिर! ’’ वहीं बीजेपी ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा, ‘‘ कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के कार्यकाल में गणतंत्र दिवस समारोह में भाजपा अध्यक्ष के तौर पर राजनाथ जी और नितिन गडकरी जी को कहां बैठाया जाता था। ’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन में भाजपा नेताओं को विशिष्ट दीर्घा में बैठने की जगह नहीं दी जाती थी, ‘‘ लेकिन भाजपा स्वस्थ लोकतंत्र में विश्वास रखती है, वह कांग्रेस जितना नीचे नहीं गिर सकती। ’’ सरकारी सूत्रों ने बताया कि प्रोटोकॉल के मुताबिक विपक्ष के नेता को सातवीं पंक्ति में सीट दी जाती है।
बता दें कि पिछले वर्ष तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ प्रथम पंक्ति में स्थान दिया गया था। शुक्रवार को भी गणतंत्र दिवस में शाह को प्रथम पंक्ति में स्थान दिया गया था। समारोह में पहली पंक्ति में पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा और मनमोहन सिंह बैठे थे। दूसरी पंक्ति में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी एवं थावरचंद गहलोत तथा अन्य को बैठे देखा गया।