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जानिए क्यों फिर से मुश्किल में आये सलमान खान

मुम्बई। सलमान खान एक बार फिर से मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं। दलितों के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्‍पणी को लेकर दिल्‍ली के एक कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसमें अभिनेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने की मांग की गई है। यह मामला वर्ष 2017 में रिलीज सुपरहिट फिल्‍म ‘टाइगर जिंदा है’ से जुड़ा है। अदालत में दायर अर्जी में सलमान के अलावा कटरीना कैफ और फिल्‍म से जुड़े अन्‍य लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की गई है। अदालत 27 फरवरी को इस पर सुनवाई करेगी।

खबर के अनुसार, याचिका में कहा गया है कि टाइगर जिंदा है के प्रमोशन के दौरान दलितों के खिलाफ जातिगत टिप्‍पणी की गई थी। बता दें क‍ि वाल्‍मीकि समुदाय ने पिछले साल दिसंबर में फिल्‍म के साथ ही सलमान खान के खिलाफ देश के कई हिस्‍सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। राजस्‍थान में इसका व्‍यापक असर देखा गया था। सलमान की टिप्‍पणी से नाराज वाल्‍मीकि समुदाय ने राज्‍य के जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर आदि शहरों में प्रदर्शन किया था। इसके अलावा उत्‍तर प्रदेश के अलीगढ़ और गुजरात के अहमदाबाद, राजकोट, जामनगर जैसे शहरों में भी प्रदर्शन किए गए थे। प्रदर्शनकारियों ने कुछ थिएटर्स में तोड़फोड़ भी की थी।

गौरतलब हैं कि सलमान खान ने ‘टाइगर जिंदा है’ के प्रमोशन के दौरान एक टीवी कार्यक्रम में अपने डांसिंग स्किल की तुलना ‘भंगी’ शब्‍द से की थी। दरअसल, वाल्‍मीकि समुदाय के अंतर्गत कई उपजातियां आती हैं। इनमें भंगी भी एक है। सलमान के इस बयान के बाद देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में विरोध प्रदर्शन होने लगे थे। इसको लेकर अनुसूचित जाति आयोग से शिकायत भी की गई थी। आयोग ने नोटिस जारी कर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और दिल्‍ली एवं मुंबई के पुलिस आयुक्‍तों से इस पर जवाब मांगा था। टाइगर जिंदा है वर्ष 2012 में रिलीज एक था टाइगर का सिक्‍वल था।

सलमान खान इससे पहले भी फिल्‍मों को लेकर कानूनी पचरे में फंस चुके हैं। उनपर ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्‍म की शूटिंग के दौरान चिंकारा का शिकार करने के मामले में भी मुकदमा चला था। इस मामले में कोर्ट ने उन्‍हें आरोपमुक्‍त करार दिया था। उनके अलावा सैफ अली खान और तब्‍बू भी इस मामले में आरोपी थे। वर्षों तक चली सुनवाई के बाद उन्‍हें राहत मिली थी। मुंबई के हिट एंड रन मामले में भी सलमान को वर्षों तक कोर्ट का चक्‍कर लगाना पड़ा था।

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