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सावधान! क्या आप भी सिरदर्द होने पर खाते हैं गोलियां

क्या आपके सिर में अक्सर दर्द रहता है और इससे छुटकारा पाने के लिए अगर आप गोलियों का सेवन कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। अक्सर ही लोग सर दर्द से परेशान रहते हैं। मगर वो इस बात को जाने बिना ही कि उनको सर दर्द क्यूँ हो रहा है, सीधे-सीधे पेनकिलर उठा कर खा लेते हैं। ऐसे में पेनकिलर का सेवन अत्यंत खतरनाक है। सिरदर्द होने पर हमारे द्वारा ली जाने वाली गोलियां कुछ समय के लिये तो आराम पहुँचाती हैं किन्तु इन गोलियों का बहुत बुरा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। सिरदर्द का असल कारण पता होना चाहिए और उस कारण की ही दवा करनी चाहिए। अन्यथा भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। आज हम आपको यही बताने जा रहें हैं के सिर दर्द किन विशेष कारणों के कारण से होता है। आइये जाने सिर दर्द के कारण:-

सिर दर्द, ललाट, कनपटियों, सिर के पीछे के भाग, ऊपर के हिस्से, सारे सिर में कहीं भी हो सकता है। सिरदर्द कुछ बिमारियों में तो एक लक्षण मात्र होता है, जैसे – ज्वर, फ्लू, माता आदि में। कभी स्वतंत्र रूप से केवल सिरदर्द होता है। ऐसा सिरदर्द स्वयं एक रोग है। मगर सिरदर्द की सीधे सीधे गोली खाने से बचना चाहिए और पहले इनके कारणों का पता होना चाहिए।

सिरदर्द के मुख्य कारण :–

  1. मस्तिष्क की शिराओं में रक्त संचय होने से सिरदर्द होता है। अर्थात ब्लड क्लोटिंग भी एक कारण है। ऐसे में गोली खाना बेहद खतरनाक है। अगर हमेशा सिरदर्द रहता हो तो इसकी जांच ज़रूर करवा लेनी चाहिए।
  2. ब्लड प्रेशर की वृद्धि होने से लगातार सिरदर्द रहने का लक्षण रहता है और ब्लड प्रेशर कम रहने से मस्तिष्क को ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जो भी एक कारण है सिरदर्द का। तो ऐसे में पहले ब्लड प्रेशर की जांच अवश्य करवा लेनी चाहिए।
  3. क्रोध आदि तीव्र मानसिक आवेश से कपाल की धमनियों में शैथिल्य होकर सिरदर्द होता है। चिंता से चेहरे और कपाल की मांस पेशियों में तनाव बढ़ जाने से सिरदर्द रहता है जो पिछले भाग में होता है।
  4. ज्वरों में सिरदर्द मस्तिष्क आवरणगत धमनियों के फ़ैल जाने से होता है।
  5. नींद कम आने, ना आने से भी सिरदर्द रहता है।
  6. रक्त में विष (टोक्सिन), जैसे मूत्र रोग, कब्ज, अपच से उत्पन्न प्रभाव से सर दर्द हो जाता है।
  7. मस्तिष्क में अबुर्द (फोड़ा), शोथ, जलवृद्धि, से सर दर्द रहता है।
  8. नेत्रों की कमजोरी, नेत्र रोग, कान, नाक, गले, दांतों के रोगों से सिरदर्द होता है।
  9. कोई सिरा प्रसारक औषधि खाने से, शरीर में कोई बाहरी प्रतिकूल प्रोटीन आने से सिरदर्द होता है।
  10. लगातार रहने वाले सिरदर्द के कारण अमल्पित्त और नेत्रों के रोग हैं।

बिना दवा के सिरदर्द का इलाज :-

  • सिरदर्द के कारण, प्रकृति, स्थिति, रोगी के धातु के अनुसार चिकित्सा करने से सिरदर्द ठीक हो जाता है, सबसे पहले तो कारणों को दूर करने का प्रयास करें।
  • कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाने के कारण भी सिरदर्द होता है, ऐसे में सिर्फ एक दो गिलास पानी पीजिये, और इस दर्द से आपको तुरंत छुटकारा मिल जायेगा।
  • जुकाम, अधिक श्रम, मानसिक चिंता, रात्रि जागरण, रक्त संचय से जो सिरदर्द होता है, वह अपने आप चला जाता है। इसके लिए गोली लेने कि ज़रूरत नहीं है।
  • चिकनाई वाले पदार्थों के सेवन की कमी से आँखों में सफेदी, मस्तिष्क में रुक्षता हो जाती है। इससे सिरदर्द हो जाता है। ऐसे सिरदर्द में दूध, मक्खन, घी, हलुआ चिकने पदार्थ अधिक सेवन करने से लाभ होता है।
  • शरीरिक और मानसिक श्रम अधिक करने से होने वाले सिरदर्द में आराम करना चाहिए। निद्रा लेने से हर प्रकार के सिरदर्द में आराम मिलता है।

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