इन 5 तरीकों से लगा सकते हैं कार खर्च पर लगाम
मौजूदा वक्त में कार लेना भले ही बड़ी बात न रही हो लेकिन उसका इस्तेमाल और रखरखाव ठीक वैसे ही जैसे हाथी को रखना आसान है लेकिन उसे पालना कठिन। कार रखने वालों के लिए ये जानकारियां मददगार साबित हो सकती हैं, इनसे काफी हद तक फिजूल खर्च से बचा जा सकता है।
1. ईंधन बचाएं: ईंधन खर्च को ट्रैक करने वाला जीपीएस ट्रैकर कार में लगवा लें, इससे फिजूल ईंधन खर्च के बारे में पता लगाने में आसानी होगी। अच्छा रियल टाइम जीपीएस ट्रैकर ड्राइवर के व्यवहार को मॉनीटर करने में भी मदद करता है। दरअसल, इससे इंजन की गतिविधियों के बारे में पता चलता है, जिनकी बिनाह पर अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि ईंधन का कुशलतापूर्वक इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं।
2. सक्रियता से कार की मरम्मत और रखरखाव का ख्याल रखें: कार की सर्विसिंग की तारीख याद न रहना आम बात है लेकिन इसे नजरअंदाज करना भी ठीक नहीं। वैसे तो जीपीएस ट्रैकर सर्विसिंग के बारे में हर अपडेट देता है लेकिन यह जानना भी उपयोगी हो सकता है कि कई ऑटोमोबाइल कंपनियां अपने ग्राहकों को अपडेट रखने के लिए अब डिजिटल माध्यमों के एकीकरण पर काम कर रही हैं, जिससे अप्रत्याशित मरम्मत में खर्च होने वाले पैसे बचाए जा सकते हैं।
3. अनुकूल रूट के हिसाब से चले: यह ऑप्शन वैसे कॉमर्शियल वाहनों के लिए कमाल का है लेकिन निजी वाहन वालों को भी कम फायदा नहीं। पारंपरिक तरह से रूट तय करते हैं तो इसके बजाय ऑटोमेटेड रूट का इस्तेमाल करें, मसलन आप गूगल नेविगेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं, यह आपको रास्ते के ट्रैफिट की जानकारी देता है और सबसे जल्दी पहुंचाने वाला रूट भी सुझाता है।
4. इंश्योरेंस रिन्यूवल को ट्रैक करें: तकनीक के इस्तेमाल से ऑटोमोबाइल कंपनियों और इंश्योरेंस देने वालों ने ग्राहकों के प्रति ड्राइवरों के व्यवहार को ट्रैक करना शुरू कर दिया है। इससे हादसों संबंधी जोखिमों को अंदाजा लगाकर इंश्योरेंस कंपनियों ने उसी के अनुकूल बीमा देना शुरू कर दिया है। इसका लाभ कार मालिक मिल सकता है अगर वह इन बातों को इश्योरेंस रिन्युवल के वक्त ध्यान में रखे।
5. इंजन कट तकनीक का इस्तेमाल करें: इंजन कट फीचर वाला जीपीएस ट्रैकर इन दिनों ट्रेंड में है। इसकी मदद से घर बैठ ही मोबाइल फोन से गाड़ी का इंजन बंद किया जा सकता है। कार चोरी होने की सूरत में उसे फिर से खोजने में खर्चा कम आता है।