गुजरात को छोड़ अब ओमान की तरफ बढ़ा चक्रवाती तूफान
अहमदाबाद। चक्रवात ‘वायु’ ने ओमान का रुख करने से पहले भले ही गुजरात के अछूता छोड़ दिया है लेकिन राज्य के तटवर्ती इलाकों में अभी भी भारी बारिश और तेज हवाएं चलने का खतरा बना हुआ है। अधिकारियों ने यहां बताया कि हालांकि ‘तूफान का केन्द्र’ यहां से दूर चला गया है, लेकिन चक्रवात के बाहरी दायरे का तटवर्ती क्षेत्रों पर प्रभाव अभी भी होगा। राज्य प्रशासन तटवर्ती क्षेत्रों के निचले इलाकों में रहने वाले करीब तीन लाख लोगों को पहले ही सुरक्षित स्थानों पर ले जा चुका है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा कि मौसम विभाग की बुलेटिन के अनुसार, गुजरात की ओर आ रहा चक्रवात ‘वायु’ अब ओमान की ओर मुड़ गया है। लेकिन प्रशासन अगले 24 घंटे तक हाई अलर्ट पर रहेगा। उन्होंने कहा कि तटवर्ती जिलों सौराष्ट्र और कच्छ के स्कूल एहतियात के तौर पर शुक्रवार को बंद रहेंगे।
गुरुवार शाम हालात की समीक्षा करने के बाद रुपाणी ने कहा कि चक्रवात से अब कोई खतरा नहीं है लेकिन तटवर्ती क्षेत्रों को लेकर प्रशासन अभी भी सचेत रहेगा। उन्होंने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात से अब कोई खतरा नहीं है क्योंकि वह तटवर्ती क्षेत्र को छुए बगैर ओमान की ओर मुड़ गया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार शाम जारी एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘चक्रवात कुछ देर के लिए उत्तर-उत्तर/पश्चिम की ओर मुड़ेगा और फिर उत्तर/पश्चिम की ओर घुमते हुए सौराष्ट्र तटवर्ती क्षेत्र… गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर और देवभूमि द्वारिका को प्रभावित करेगा। उस वक्त हवा की गति 90-100 किलोमीटर प्रतिघंटा रहने की संभावना है, गति अगले 12 घंटे में 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक जा सकती है।’’ गुजरात के मुख्य सचिव जे. एन. सिंह ने कहा, ‘‘हालांकि ‘वायु’ मैदानी इलाके से दूर जा रहा है, लेकिन अभी भी तेज हवाओं और भारी बारिश का खतरा बना हुआ है। हम फिलहाल खतरा टलने की घोषणा नहीं कर रहे हैं। कल सुबह तक हमारी सारी तैयरियां ज्यों की त्यों रहेंगी। हम कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहते।’’
गुजरात सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, चक्रवात के कारण तटवर्ती क्षेत्र के दर्जन भर तालुकों में गुरुवार सुबह से अभी तक करीब एक ईंच बारिश हुई है। विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रुपाणी से बात कर अपने गृह राज्य में हालात का जायजा लिया। मोदी फिलहाल एससीओ बैठक में हिस्सा लेने के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिश्केक में हैं। उसमें कहा गया है कि मोदी ने रुपाणी से टेलीफोन पर बात की और केन्द्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार का कहना है कि चक्रवात ने भले ही रास्ता बदल लिया हो लेकिन अभी भी खतरा है। उसका प्रभाव तटवर्ती क्षेत्रों में होगा। उन्होंने कहा कि चक्रवात सिर्फ उसके केन्द्र तक सीमित नहीं होता है। इसका दायरा करीब 900 किलोमीटर का है। अभी भी खतरा है और तेज हवाएं और भारी बारिश अभी भी तटवर्ती क्षेत्र को नुकसान पहुंचा सकती हैं।