लालकुआं। उत्तराखंड के लाल कुआँ में चाचा ने अपनी भतीजी को निर्मम तरीके से मौत के घाट उतार दिया। 14 अगस्त को जंगल में मिली किशोरी की लाश से उसकी हत्या होने का अंदेशा जताया जा रहा था। इस हत्या के मामले का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। पुलिस पूछताछ में आरोपी चाचा ने अपना जुर्म कबूल लिया है। आरोपी चाचा को भतीजी के चाल चलन पर शक था। इसी के चलते उसने आरती की हत्या कर दी।
बता दें कि हत्याकांड के खुलासे के लिए पुलिस ने तीन टीमें गठित की थीं। फॉरेंसिक एक्सपर्ट टीम की भी मदद ली गई थी। आरोपी चाचा को आईपीसी 302 और 201 के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। लालकुआं से सटी बस्ती में चाचा के घर रह रही एक किशोरी की गला दबाकर हत्याकर उसका शव टांडा जंगल में फेंक दिया गया था। पुलिस ने हत्या से पहले किशोरी के साथ दुष्कर्म की भी आशंका जताई थी।
14 अगस्त की सुबह घोड़ानाला लिंक मार्ग पर टांडा के जंगल में शौच के लिए गए विनोद मंडल ने किशोरी का शव पड़ा देखा तो उसने क्षेत्रवासियों और पुलिस को इसकी सूचना दी। मौके पर पहुंचे एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एएसपी अमित श्रीवास्तव, सीओ राजीव मोहन और कोतवाल योगेश चंद्र उपाध्याय ने हत्याकांड से जुड़े पहलुओं की पड़ताल शुरू कर दी। शिनाख्त के बाद पुलिस ने किशोरी के शव की फोरेंसिक जांच कराई। हत्याकांड के खुलासे के लिए कोतवाली पुलिस और एसओजी को लगाया गया था।
पुलिस के मुताबिक मूल रूप से सहारनपुर के एक मोहल्ले की रहने वाली 16 वर्षीय यह किशोरी अपने चाचा के घर चार माह पहले चाची की देखभाल के लिए आई थी। किशोरी के चाचा ने कहा था कि मंगलवार रात लगभग दस बजे परिवार के लोग सो गए थे। रात एक बजे उनकी भतीजी उठी और लघुशंका करने के बाद फिर सो गई।
बुधवार सुबह जब उनकी नींद खुली तो भतीजी बिस्तर पर नहीं थी। उन्होंने काफी खोजबीन की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। बाद में लोगों ने बताया कि उनकी भतीजी का शव टांडा जंगल में मिला है। किशोरी की हत्या के मामले में पुलिस उसके करीबियों से पूछताछ कर रही थी। पुलिस को आशंका थी कि कहीं हत्या के तार आनर किलिंग से जुड़े तो नहीं है। इधर, फोरेंसिक टीम मौके से बरामद बालों की जांच की। जिससे ये कयास लगाए गए कि मौत से पहले किशोरी ने कातिलों से संघर्ष किया था।
पुलिस का मानना था कि किशोरी के पास मोबाइल नहीं था। इसी कारण पुलिस पूछताछ और मौके की स्थिति को केंद्र मानकर घटना की जांच कर रही थी। एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव दिनभर लालकुआं में डेरा डाले थे। किशोरी की हत्या कर शव घर से करीब 300 मीटर दूर फेंका गया था। किशोरी के सिर से मां-बाप का साया पहले ही उठ चुका था। वह अपने चाचा के पास रह रही थी। चर्चा है कि आरती को लेकर उसके चाचा-चाची के बीच तकरार होती थी।