आज होगी पीएम मोदी और चिनफिंग की मुलाकात
मामल्लपुरम। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने दो दिवसीय भारत दौरे के तहत आज चेन्नई के प्राचीन शहर मामल्लापुरम पहुंचेंगे जहां उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अनौपचारिक शिखर वार्ता होगी। चीनी राष्ट्रपति की पीएम नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत ऐसे वक्त होने जा रही है जब कश्मीर के मुद्दे को लेकर दोनों देशों के बीच हालिया बयानों के कारण असहज स्थिति पैदा हो गई है। समुद्र किनारे बसे इस प्राचीन शहर में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भव्य स्वागत की तैयारियां मुकम्मल हो चुकी हैं।
यह है कार्यक्रमों का शेड्यूल
1- चीनी राष्ट्रपति दोपहर 2.00 बजे चेन्नई एयर पोर्ट पर पहुंचेंगे और होटल जाएंगे।
2- शाम 5.00 बजे प्रधानमंत्री मोदी उनको तीन ऐतिहासिक स्थलों पर लेकर जाएंगे।
3- पीएम मोदी और चिनफिंग शोर टेंपल जाएंगे और सांस्कृतिक कार्यक्रम देखेंगे।
4- शोर टेंपल लॉन में बैठकर ही पीएम मोदी और शी चिनफिंग बातचीत करेंगे।
5- पीएम मोदी शोर टेंपल परिसर में ही चीनी राष्ट्रपति के लिए डिनर आयोजित करेंगे।
6- शनिवार सुबह दोनों नेता फिशरमैंस कोव रिजॉर्ट में अकेले बातचीत करेंगे।
7- इसके बाद भारत और चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत होगी।
8- द्विपक्षीय वार्ता के बाद पीएम मोदी चीनी राष्ट्रपति के लिए लंच आयोजित करेंगे।
9- शनिवार को दोपहर 12.45 बजे चिनफिंग चेन्नई एयरपोर्ट के लिए रवाना होंगे।
सूत्रों की मानें तो इसमें व्यापार, रक्षा और सुरक्षा जैसे अहम मसलों पर व्यापक बातचीत होगी। दोनों नेता अगले 48 घंटों में तीन दौर की बातचीत करेंगे। वैसे इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि दोनों नेताओं की इस मुलाकात पर कश्मीर मसले का साया पड़ चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुलाकातों में कश्मीर मसले को लेकर उपजे दोनों देशों के हालिया तनाव पर भी बातचीत हो सकती है। हालांकि चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने स्पष्ट किया है कि दोनों नेता अंतरराष्ट्रीय हालात के साथ साथ चीन और भारत के बीच संबंधों से संबंधित समग्र, दीर्घकालिक एवं रणनीतिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच यह दूसरी अनौपचारिक बातचीत होने जा रही है। इससे पहले अप्रैल, 2018 में वुहान (चीन) में दोनों नेताओं के बीच पहली अनौपचारिक बातचीत हुई थी। विश्लेषकों का कहना है कि मुलाकात से ठीक पहले दोनों देशों की ओर से जिस तरह के बयान सामने आए हैं, उससे साफ है कि दोनों ही एक दूसरे पर दबाव बनाने की पूरी कोशिश में हैं। वैसे चीन के राजदूत ने कहा है कि दोनों नेताओं की इस मुलाकात से वृहद सहयोग के क्षेत्र में एक नई ऊर्जा मिलेगी। यही नहीं यह बैठक शांति और स्थिरता लाने के लिए सकारात्मक माहौल भी पैदा करेगी।