देहरादून। चीन में फैले कोरोना वायरस से निपटने के लिए उत्तराखंड में अलर्ट जारी कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को वायरस की रोकथाम के लिए हेल्थ एडवायजरी जारी कर नेपाल सीमा से सटे चेक पोस्टों पर निगरानी के लिए डॉक्टरों की टीमें तैनात करने के निर्देश दिए हैं।
प्रेसवार्ता में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अमिता उप्रेती ने बताया कि पिथौरागढ़ जिले के धारचूला, बनबसा, मनकोट, जौलजीवी, झूलाघाट, मनवाकोट सीमावर्ती क्षेत्रों के चेक पोस्टों पर निगरानी के लिए डॉक्टरों की टीमें तैनात की जाएंगी। नेपाल और चीन से आने वाले प्रत्येक यात्री की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसके लिए पुलिस अधीक्षक और आईटीबीपी को सहयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
प्रत्येक जिले के बड़े अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में कोरोना के संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाने को कहा गया है। वहीं, एक एंबुलेंस और इंफेक्शन कंट्रोल की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि प्रदेश का पिथौरागढ़ जिला नेपाल की सीमा से जुड़ा है। नेपाल सीमा से कई यात्री भारत आते हैं। इसलिए भी कोरोना वायरस को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश के तीन एयरपोर्ट पर तैनात रहेंगी टीमें
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की निगरानी के लिए जौलीग्रांट, पंतनगर एयरपोर्ट और पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हेलीपैड पर डॉक्टरों की टीमें तैनात की जाएंगी। नेपाल और चीन से आने वाले यात्रियों पर नजर रखी जाएगी। यदि किसी यात्री में बुखार खांसी, जुकाम के लक्षण पाए जाते हैं तो सैंपल जांच के लिए भेजे जाएंगे।
प्रदेश में नहीं सैंपल जांच की सुविधा
प्रदेश में कोरोना वायरस का कोई संदिग्ध मरीज पाया जाता है तो सैंपल जांच की सुविधा नहीं है। कोरोना वायरस के सैंपल की जांच केंद्र सरकार के नेशनल इंस्टीट्यूट वाईरोलॉजी पूना लैब में ही की जाएगी।
वायरस से निपटने को इंतजाम नाकाफी
देहरादून मेडिकल कॉलेज में भी आईसोलेशन की सुविधा नहीं है। जबकि स्वास्थ्य विभाग प्रत्येक जिला स्तर पर आईसोलेशन की सुविधा होने का दावा कर रहा है। महानिदेशक का कहना है कि प्रदेश के अधिकतर बड़े अस्पतालों में आईसीयू और आईसोलेशन की सुविधा है। इसके साथ ही विभाग के पास 550 पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट (पीपीई) और पर्याप्त मात्रा में दवाईयां उपलब्ध हैं।
कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव के तरीके
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ.अमिता उप्रेती का कहना है कि वायरस के लक्षण बुखार, खांसी, जुकाम, गले में खराश, सांस लेने में तकलीफ और निमोनिया है। ये लक्षण आमतौर पर सर्दियों के मौसम में मरीजों में होते हैं। जिससे वायरस का पता लगाना मुश्किल है। वायरस का असर पर 1 से 15 दिन का रहता है। पांच दिन के बाद ही वायरस के लक्षण का पता लग सकता है।
ये हैं बचाव के तरीके
कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरों में फैलता है। रोग से संक्रमित मरीज को खांसते व छींकते समय मुंह और नाक को रुमाल से ढकना चाहिए। बाहर से आने के बाद और खाना खाने से पहले हाथों को साबुन से अवश्य धोएं। अधिक मात्रा में पानी पीएं। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति से हाथ न मिलाएं।
केंद्र ने जाना तैयारियों का हाल
देहरादून। उत्तराखंड में कोरोना वायरस से बचाव को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने मुख्य सचिव उत्पल कुमार से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर बातचीत की। केंद्र ने नेपाल सीमा से सटे जनपदों में सर्वाधिक सावधानी बरतने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने बताया कि जनपद चंपावत, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में प्रभावित देशों से आने वाले पर्यटकों पर निगरानी के लिए सीमा क्षेत्र में मेडिकल टीमें लगाई गई हैं।
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सभी एयरपोर्ट पर मेडिकल टीम के साथ एंबुलेंस तैनात कर दी हैं। कोरोना वायरस रोगियों के उपचार के लिए सभी जिलों में कुल 169 आईसोलेशन बेड उपलब्ध हैं। मुख्य सचिव ने ग्राम स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सचिव पंचायत को निर्देश दिए हैं। पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी को मेडिकल टीमों के साथ समन्वय बनाने को कहा है।