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देशभर में कोराना वायरस को लेकर अलर्ट, उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य महकमे ने कसी कमर

देहरादून। देश के कई शहरों में कोरोेना वायरस से संक्रमित मरीज मिलने के बाद चेतावनी जारी कर दी गई है। वहीं उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। राजधानी के दून अस्पताल में कोरोना से संक्रमित मरीजों को तत्काल इलाज की सुविधा मिल सके, इसके लिए 16 व 13 बिस्तरों वाले दो आइसोलेशन वार्ड खोल गए हैं। इसके अलावा जरूरी दवाइयां, मास्क व पीपीई किट की व्यवस्था की गई है।
दून अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा ने बताया कि डॉक्टरों को हिदायत दी गई है कि वे इलाज कराने आ रहे मरीजों पर कड़ी निगरानी रखें। यदि किसी भी मरीज में कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका लगे तो तत्काल इसकी जानकारी मुहैया करायी जाए।
सीएमओ ने ली अधिकारियों की बैठक
कोरोना वायरस के मद्देनजर सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने अधिकारियोें के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की। डॉ. जोशी ने सभी सीएचसी, पीएचसी में इलाज की समुचित व्यवस्था की हिदायत दी है। इसके अलावा अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने के साथ ही अस्पतालों में आने वाले लोगों को जागरूक करने पर भी जोर दिया। सीएमओ ने कहा कि लोगों को कोरोना से बहुत अधिक डरने की जरूरत नही है। इलाज के पर्याप्त इंतजाम हैं।
एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच कर रही टीम
सीएमओ डॉ. मीनाक्षी जोशी ने बताया कि देश विदेश से आने वाले हवाई यात्रियों से कोरोना कहीं दस्तक न दे दे, इसके लिए डॉक्टराें, पैरा मेडिकल की टीम जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर तैनात की गई है। यह टीम प्रत्येक यात्री की एयरपोर्ट पर जांच कर रही है। जांच उपरांत ही यात्रियों को एयरपोर्ट से बाहर आने दिया जा रहा है।
जांच में सभी सात संदिग्धों के सैंपल निगेटिव 
सीएमओ डॉ. जोशी के मुताबिक विभाग टीम ने सात संदिग्धों के नमूने पैथालाजी जांच के लिए एम्स भेजे गए थे। जांच में सभी नमूने निगेटिव पाए गए हैं। बहरहाल सभी सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकोें व निजी अस्पतालों के संचालकाें को हिदायत दी गई है कि वे किसी भी मरीज में यदि कोरोना के लक्षण मिलें तो तत्काल इसकी जानकारी मुहैया कराने के साथ ही सैंपल लेकर पैथालाजी जांच कराई जाए।

हाथ न मिलाएं

कोरोना वायरस को लेकर लोग में कितना भय है, इसका पता सोमवार को उस समय लगा जब एक सरकारी कार्यालय में एक अधिकारी ने मिलने आए एक व्यक्ति से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अब हाथ न मिलाकर पुरानी परंपरा हाथ छोड़कर राम राम बोलने का समय आ गया है। कारण पूछने पर अधिकारी ने इस सतर्कता के पीछे कोरोना वायरस के फैलने का खतरा बताया।
चीन से शुरू हुए कोरोना वायरस की दहशत लोगों के दिलोदिमाग में दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जनपद में स्वास्थ्य विभाग भी कोरोना वायरस को लेकर बेहद संवेदनशीलता बरत रहा है। वहीं सोमवार को एक व्यक्ति एक सरकारी विभाग के कार्यालय में किसी काम से पहुंचा। व्यक्ति ने हाथ मिलाने के लिए कुर्सी पर बैठे अधिकारी की ओर किया, लेकिन अधिकारी ने इससे पहले ही दोनों हाथ जोड़कर राम राम बोल दिया।
अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण व्यक्ति से व्यक्ति में ही फैलता है। लिहाजा हाथ मिलाने की परंपरा को बदलकर राम राम बोलने की प्रथा को बढ़ावा देना होगा। इससे कोरोना वायरस की संभावना बेहद कम होगी। वहीं राम का नाम भी दो बार मुंह से निकलेगा। इसके बाद उक्त व्यक्ति ने अधिकारी की पहल का स्वागत किया।

एडवायजरी जारी

कोरोना वायरस को लेकर उत्तराखंड एथलेटिक्स फेडरेशन ने खिलाड़ी और कोचों के लिए एडवायजरी जारी की है। इसमें बाहरी राज्यों में खेलने जाने वाले खिलाड़ी-कोचों को बचाव के कई उपाय अपनाने को कहा गया है।
एथलेटिक्स फेडरेशन के सेक्रेटरी केजेएस कलसी ने कहा कि देश के कई हिस्सों में भी कोरोनो वायरस फैलने की जानकारी मिल रही है। इस बीमारी से खिलाड़ी व कोचों के बचाव के लिए एडवायजरी जारी की जा रही है। कहा कि अब पटियाला (पंजाब) में सीनियर फेडरेशन कप व भोपाल (एमपी) में जूनियर फेडरेशन कप (अंडर-20) होना है। इसमें उत्तराखंड एथलेटिक्स की टीमों ने भी हिस्सा लेना है। यहां दूसरे राज्यों की टीमें भी शामिल होंगी। इसलिए फेडरेशन की ओर से खिलाड़ियों को जागरूक किया जा रहा है।

ये हैं लक्षण और बचाव के तरीके

कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज के लक्षण
-संक्रमित मरीज को गंभीर थकावट महसूस होती है।
-मरीज को गंभीर जुकाम हो जाता है।
-खांसी होने के साथ ही कफ निकलता है।
-गले में घाव होने जैसा महसूस होता है।
-तेज बुखार के साथ सिरदर्द होता है।

कैसे करें बचाव
-भीड़भाड वाले स्थानों पर जाने से बचें।

-अधिक से अधिक पानी पिएं।
-जुकाम, खांसी से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बनाकर रहें।
-छींकने व खांसी आने पर रुमाल का इस्तेमाल करें।
-दिन में कई बार साबुन से हाथ धोने के साथ ही सेेनेटाइजर लगाएं।

घबराएं नहीं, कोरोना से सिर्फ दो फीसदी की हुई मौत

कोरोना वायरस को लेकर देश दुनिया में चाहे जो खलबली मची हो, लेकिन चिकित्सा विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना वायरस को लेकर बहुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है। यह स्वाइन फ्लू जैसी बीमारी है जो कभी अपने आप तो कभी दवाइयां लेने से ठीक हो जाती है।

दून मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. केसी पंत के मुताबिक कोरोना वायरस से संक्रमित 100 मरीजों में से महज दो फीसदी मरीजों की मौत होती है। जिन व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक होती है वे बीमारी से संक्रमित होने के बावजूद ठीक हो जाते हैं। बस थोड़ा एहतियात बरतने की जरूरत हैं। डायबिटीज, ब्लडप्रेशर, टीबी के अलावा क्रोनिक बीमारियों से पीड़ित मरीजों में यदि कोरोना वायरस का संक्रमण होता है तो खतरा थोड़ा ज्यादा होता है।

बकौल डॉ. पंत बुजुर्गों व बच्चों को संक्रमित होने का संभावना अधिक होती है। ऐसे में बुजुर्गों व बच्चों को लेकर थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है। गांधी शताब्दी अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के अनुसार कोरोना वायरस को लेकर बहुुत अधिक डरने की जरूरत नहीं है। कुछ एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है। एहतियात बरतने के साथ ही खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है ताकि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहे।

अदरक, लहसुन के साथ ही जमकर खाएं संतरा, अंगूर
विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना वायरस बचने के लिए लोगों को दैनिक खानपान में अदरक, लहसुन के साथ ही संतरा, अंगूर जैसे फलों को शामिल करना होगा। वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. प्रवीण पंवार के मुताबिक शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन-सी युक्त चीजोें मसलन आंवला, चेरी का अत्यधिक सेवन करना होगा। इसके अलावा रिफाइंड तेल की जगह नारियल का तेल इस्तेमाल करना चाहिए।

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