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कोरोना को हराने की जंग में दिन-रात जुटे हैं दून अस्पताल के कर्मवीर

“कोरोना को हराने की जंग में दिन-रात जुटे हैं दून अस्पताल के कर्मवीर, डबल शिफ्ट में काम कर रहा पैथोलॉजी और ब्लडबैंक का स्टाफ”

देहरादून। कोरोनावायरस पूरे विश्व के लिए एक बड़ी आपदा बनकर उभरा है। भारत में महामारी बन चुके इस वायरस को हराने के लिए देशभर में युद्धस्तर पर प्रयास किये जा रहे हैं। वहीं उत्तराखंड के दून अस्पताल में पैथोलॉजी लैब और ब्लड बैंक के कर्मचारी इस बीमारी के चलते दिन और रात एक किये हुए हैं। आलम ये है कि ब्लड बैंक के कईं कर्मचारियों को डबल शिफ्ट में भी काम करना पड़ रहा है। बावजूद इसके इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है।

वहीं कई मरीज अनजाने में कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने दून अस्पताल के ब्लड बैंक का रुख कर रहे हैं, जिन्हें स्टाफ कर्मियों के द्वारा इमरजेंसी में भेजा जा रहा है। लगातार काम करने की वजह से अब इन कर्मवीरों के स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।

दून अस्पताल में ब्लड बैंक के कर्मचारी
दून अस्पताल में  कार्यरत ब्लड बैंक के कर्मचारी

दून अस्पताल की ब्लडबैंक शाखा में कार्यरत हरीश भट्ट एवँ लैब तकनीशियन सारथी जखमोला ने “विनर टाइम्स” को जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना टेस्ट करवाने के लिये दून अस्पताल आने वाले लोग जानकारी के अभाव में ब्लड बैंक में पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि बीती रात भी दो महिलाओं समेत कुल चार लोग कोरोना की जांच करवाने के उद्देश्य से ब्लड बैंक पहुंचे थे, जिन्हें बाद में इमरजेंसी में भेजा गया।

इनके अलावा वहीं कार्यरत दीपक जगवाण और राकेश बड़वाल ने बताया कि उन्हें और साथी कर्मचारियों को डबल शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है। जिस वजह से वे काफी तकलीफों से जूझ रहे हैं। लगातार काम करने की वजह से वे एवँ उनके कईं साथी कर्मचारी घर भी नहीं जा पा रहे हैं। वहीं लैब तकनीशियन जितेंद्र और रामकिशोर अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं।

वहीं पैथोलॉजी और ब्लड बैंक की एचओडी डॉ. शशि उप्रेती ने बताया कि कोरोनावायरस एक गंभीर समस्या बनकर सामने आया है, जिसके प्रति लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में सावधानी ही बचाव है, जिसके लिए सभी को घरों पर रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में पैथोलॉजी और ब्लड बैंक का पूरा स्टाफ अपना दुखदर्द भूलकर दिन-रात सेवा में जुटा हुआ है। उन्होंने कहा कि मरीजों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसलिए पैथोलॉजी लैब और ब्लड बैंक के कर्मचारी अपने घर तक नहीं जा पा रहे हैं।

अपनी सारी परेशानियों और घर-परिवार को भुलाकर ये कर्मवीर दिनरात, निरन्तर मरीजों एवँ देश की सेवा में जुटे हैं। इनके इस साहस भरे कार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम ही है। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ऐसे कर्मठ लोगों के सराहनीय कार्यों की तारीफ कर चुके हैं। दून हॉस्पिटल के इन कर्मचारियों में दीपक राणा, केशव कंडारी, धनीराम, मीनाक्षी, कृष्णा एवँ प्रीतम रावत आदि भी शामिल हैं।

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