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नहीं रहे कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, 93 साल की उम्र में हुआ निधन

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में आखिरी सांस ली। मोतीलाल वोरा को खराब सेहत की वजह से रविवार रात को फोर्टिस एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में भर्ती कराने के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ और उनका निधन हो गया।

मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। वह गांधी परिवार के काफी करीबी नेताओं में से माने जाते हैं। वह लंबे वक्त तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे थे। फिर साल 2018 में उनकी बढ़ती उम्र के कारण वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेकर अहमद पटेल को दे दी गई थी लेकिन अहमद पटेल का भी हाल ही में निधन हो गया था।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल समेत कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने दुख जताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ”वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और कमाल के व्यक्ति थे। हम उन्हें बहुत याद करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी संवेदना है।”

 

वहीं, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट में लिखा, ”बाबूजी श्री मोतीलाल वोरा जी का जाना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे कांग्रेस परिवार के लिए एक अभिभावक के चले जाने जैसा है। ज़मीनी स्तर से राजनीति शुरु करके राष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई और आजीवन एक समर्पित कांग्रेसी बने रहे। उनकी जगह कभी नहीं भरी जा सकेगी।”

 

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “मैंने अपनी राजनीति का ककहरा जिन लोगों से सीखा उनमें बाबूजी एक थे।अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ तक वे हम कांग्रेस कार्यकर्ताओं के लिए एक पथ प्रदर्शक थे। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें और परिवार को इस कठिन समय में दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति:”

 

प्रियंका गांधी ने लिखा, “श्री मोतीलाल वोरा जी के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख महसूस हो रहा है। वोरा जी कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे।”

 

प्रियंका गांधी ने आगे लिखा, “92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए। आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं। हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे।”

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