अस्पताल में आग लगने से 10 बच्चों की मौत, प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
भंडारा। महाराष्ट्र के भंडारा के अस्पताल में आग ने 10 बच्चों की जान ले ली। इन बच्चों की उम्र महज 1 दिन से 3 महीने थी। घटना के समय वार्ड में 17 बच्चे थे। पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इस हादसे पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, “महाराष्ट्र के भंडारा में दिल दहला देने वाली हादसा, जहां हमने कीमती युवा जीवन खो दिए। मेरे विचार सभी शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मुझे उम्मीद है कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं।”
गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस घटना पर दुख जताया है। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र के भंडारा ज़िला अस्पताल में लगी आग दुर्घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। भगवान उन्हें इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दे। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र के भंडारा जिला सामान्य अस्पताल में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। उन बच्चों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदना, जिन्होंने अपनी जान गंवाई। मैं महाराष्ट्र सरकार से अपील करता हूं कि वे घायलों और मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें।
महाराष्ट्र मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ज़िला अस्पताल में आग लगने की घटना को लेकर स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे के साथ-साथ भंडारा ज़िले के ज़िला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की। उन्होंने जांच का भी आदेश दिया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा है कि मृतक बच्चों के परिजनों को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
रात में 1.30 से 2 बजे के बीच लगी आग
जिला सिविल सर्जन प्रमोद खंडाते ने बताया कि भंडारा जिला अस्पताल में शुक्रवार देर रात एक बजकर 30 मिनट के आसपास आग लग गयी। इकाई में 17 बच्चे थे, जिनमें से सात को बचा लिया गया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले एक नर्स ने अस्पताल के शिशु देखभाल विभाग से धुआं उठते देखा, जिसके बाद डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को जानकारी मिली और वे पांच मिनट के भीतर यहां पहुंच गए। उन्होंने बताया कि इकाई के ‘इनबाउंड वार्ड’ से सात बच्चों को दमकल कर्मियों ने सुरक्षित बाहर निकाल लिया लेकिन 10 बच्चों को बचाया नहीं जा सका।
खंडाते ने बताया कि बच्चों को जिस वार्ड में रखा जाता है, वहां लगातार ऑक्सीजन की आपूर्ति की जरूरत होती है। उन्होंने बताया, ‘‘वहां आग बुझाने वाले उपकरण थे और कर्मियों ने उनसे आग बुझाने की कोशिश की। वहां काफी धुआं हो रहा था।’’ उन्होंने बताया कि आग का शिकार होने वाले बच्चों के माता-पिता को इसकी जानकारी दे दी गई है और बचाए गए सात बच्चों को दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि आईसीयू वार्ड, डायलिसिस और लेबर वार्ड से रोगियों को सुरक्षित दूसरे वार्ड में भेज दिया गया है। अभी तक आग लगने के पीछे की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन शॉर्ट सर्किट होने का संदेह है।