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चमोली हादसा: अब तक तीन शव बरामद, 150 से अधिक श्रमिकों की मौत की आशंका

देहरादून। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैणी गांव में रविवार को ग्लेशियर फटने से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गई। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो गई। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की।

उन्होंने राज्य को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है। साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को मदद करने के लिए कहा। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं।

इसके अलावा अबतक तीन लोगों के शव बरामद हो चुके हैं और 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका जताई जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से पुराने वीडियो शेयर न करने और धैर्य बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने मदद के लिए एक मोबाइल नंबर भी जारी किया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने जताया दुख
राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि जोशीमठ, उत्तराखंड के पास ग्लेशियर के फटने की घटना से बहुत चिंतित हूं। लोगों की सुरक्षा के लिए कामना करता हूं। मुझे विश्वास है कि राहत टीम जल्द से जल्द इस मुसीबत से पार पा लेंगे।

150 से अधिक श्रमिकों की मौत की आशंका
तपोवन एनटीपीसी ऊर्जा संयंत्र के परियोजना स्थल प्रभारी के मुताबिक 150 से अधिक श्रमिकों की मौत की आशंका है। वहीं अब तक तीन शव मिले हैं। आईटीबीपी के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी दी।

16 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा, ‘तपोवन बांध में फंसे 16 लोगों को पुलिस ने सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।’

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