हर आपदा से बचाता है रुद्राक्ष, धारण करने से पहले पढ़िए ये जरूरी जानकारी
हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का बहुत अधिक महत्व है। माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव के आंसूओं से हुई हैं। इसलिए इन्हें धारण करना शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं रुद्राक्ष की माला से जाप करने से मंत्र का फल कई गुना बढ़ जाता है।
रुद्राक्षधारण करने से व्यक्ति कई तरह की बीमारियों से भी खुद को बचा सकता है। इसके साथ ही रुद्राक्ष के पाउडर या रुद्राक्ष को पानी मे भिगोकर उस पानी का नियमित सेवन करने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय की बीमारियों से भी बचाव होगा। इसके साथ ही दिमाग और स्मरण शक्ति तेज होगी।
आमतौर पर मार्केट में विभिन्न तरह के रुद्राक्ष मिलते हैं। भारत में रुद्राक्ष की करीब 33 प्रजातियां है। इसी कारण व्यापारी मुनाफा कमाने के लिए इसे नकली बनाकर भी अधिक मात्रा में बेचते हैं। बाजार में रुद्राक्ष प्लास्टिक, लकड़ी या फाइबर के आसानी से मिल जाते हैं। ऐसे में रुद्राक्ष खरीदते समय इस बातों का ध्यान जरूर रखें, जिससे कि आप सही रुद्राक्ष खरीद सके।
कैसे करें सही रुद्राक्ष की पहचान
- अगर आपने रुद्राक्ष खरीद लिया हैं तो उसे एक पैन में डाल दें और उसमें पानी डालकर धीमी आंच में उबाल लें। अगर पानी का रंग बदल जाता है तो समझ लें कि रुद्राक्ष नकली है।
- एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर उसमें रुद्राक्ष डाल दें। अगर उसका रंग छूट रहा है तो समझ लें कि नकली है।
- रुद्राक्ष को लेकर किसी नुकीली चीज से कुरेदने से अगर उसमें रेशे निकल रहे हैं तो समझ लें कि वह असली रुद्राक्ष है।
- तांबे का एक टुकड़ा नीचे रखकर उसके ऊपर रूद्राक्ष रख दें और फिर दूसरा तांबे का टुकड़ा रूद्राक्ष के ऊपर रख दें। इसके बाद उंगुली से हल्के से दबाए। अगर रुद्राक्ष असली होगा तो वह तुरंत नाचने लगेगा।
- सरसों के तेल को कटोरी मेंडालकर गर्म करें। फिर इसमें रुद्राक्ष डाल दें और धीमी आंच में पकने दें। 10 मिनट गर्म करने के बाद गैस बंद कर दें। अगर रुद्राक्ष ज्यादा चमकदार हो जाए तो वह असली है और अगर धूमिल पड़ जाए तो समझ लें कि वह नकली है।