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कांग्रेस भवन में हुई जमकर तोड़फोड़

देहरादून। विधानसभा चुनाव में अपने चहेते नेता को टिकट ना मिलने से खफा समर्थकों ने राजधानी देहरादून स्थित कांग्रेस मुख्यालय में खूब जमकर उत्पात मचाया और तोड़फोड़ की।

गौरतलब है कि उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रत्याशियों का एलान होते ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर बवाल शुरू हो गया। देखते ही देखते नाराज समर्थकों ने कार्यालय पर तोड़फोड़ शुरू कर दी। टिकट का एलान होते ही सुबह से जमा दावेदारों के समर्थक भड़क गए। ‌कार्यकर्ता कार्यालय की छत पर चढ़ गए और पोस्टर फाड़ने लगे।

थोड़ी ही देर में कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय में मुख्यमंत्री हरीश रावत और प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के पोस्टर बैनर फाड़ डाले। सबसे ज्यादा नाराज सहसपुर से दावेदार आर्येंद्र शर्मा के समर्थक थे। बताते चलें कि सहसपुर विधानसभा से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को टिकट दिया गया है।

वहीं कैंट से ट‌िकट कटने पर नवीन जोशी के समर्थक भी भड़क उठे और उन्होंने पार्टी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की।  बवाल यहीं नहीं थमा। सोमवार को राजधानी देहरादून में सहसपुर विधानसभा सीट पर हंगामा और बढ़ गया। सहसपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को टिकट दिया गया है।
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जिस कारण सहसपुर सीट से दावेदार आर्येंद्र शर्मा के समर्थकों में आक्रोश  फूट पड़ा। बड़ी संख्या में कांग्रेस भवन पहुंचने लगे। प्रदर्शन के दौरान आर्येंद समर्थक सलीम ने खुद पर मिट्टी तेल छिड़क कर आत्मदाह का प्रयास किया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए सलीम को पकड़ लिया।
उन्होंने आर्येंद्र शर्मा को टिकट दिए जाने की मांग और बाहरी प्रत्याशी के विरोध में धरना प्रदर्शन किया। यहां सोमवार को आर्येंद्र शर्मा ने समर्थकों ने किशोर उपाध्याय का पुतला जलाया। इस दौरान किशोर वापस जाओ, किशोर टिहरी जाओ के नोर लगाए। इसके बाद आर्येंद्र शर्मा के समर्थक धरने पर बैठ गए।
रविवार को भी कांग्रेस में टिकटों की घोषणा के साथ ही कार्यकर्ताओं का आक्रोश भड़का पहले से ही अपने प्रत्याशी का टिकट कटने की आशंका को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ता तोड़फोड़ कर दी थी।
उन्होंने कांग्रेस भवन में लगे मुख्यमंत्री हरीश रावत, कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के पोस्टर फाड़ दिए। कुर्सी-मेज तोड़ने के साथ ही उन्होंने अन्य चीजों को भी नुकसान पहुंचाया। बाद में अन्य कार्यकर्ताओं के समझाने पर वह शांत हुए।

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