जनसेवी भावना पांडे ने की मांग, पहाड़ों में उपलब्ध करवाई जाएं शिक्षा एवं स्वास्थ्य व्यवस्थाएं
देहरादून। उत्तराखंड के पहाड़ी एवं अति दुर्गम इलाकों में सरकार को शिक्षा व स्वास्थ्य की सुविधाएं मुहैया करवानी चाहिए। ये कहना है वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवँ जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का।
मीडिया को दिये बयान में वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड को पृथक राज्य के रूप में अस्तित्व में आए 22 वर्षों का समय व्यतीत हो चुका है किंतु आज भी पहाड़ों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव है। आज भी पहाड़ की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है।
जनसेवी भावना पांडे ने पहाड़ वासियों की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि पहाड़ों में आज भी कईं ग्राम सभाओं में पक्की सड़कें नहीं है एवँ स्कूलों की संख्या न के बराबर है और जो हैं भी तो वे बहुत दूर हैं। जिस वजह से गाँव के छोटे-छोटे मासूम बच्चों को कईं किलोमीटर पैदल चलकर व चढ़ाई चढ़कर पढ़ने जाना पड़ता है। वहीं पहाड़ की विपरीत परिस्थितियों एवं अधिकतर खराब मौसम होने के कारण छात्रों को अधिक संघर्ष करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पहाड़ के दुर्गम इलाकों में आज भी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंची हैं, जिस वजह से वहाँ निवास करने वाले लोगों का जीवन बेहद कष्टों में गुज़र रहा है। पहाड़ों में स्वास्थ्य सुविधाएं न होने की वजह से कईं मरीज़ तड़प-तड़पकर दम तोड़ देते हैं। वहीं गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए कईं किलोमीटर दूर बने अस्पतालों में जाना पड़ता हैं। कईं बार गर्भवती महिलाएं रास्ते में ही हादसों का शिकार हो जाती हैं। ऐसे हालातों में रह रहे पहाड़वासियों की पीड़ा को बयां कर पाना बेहद मुश्किल है।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने सरकारी तंत्र पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीते 22 वर्षों में कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों ने पहाड़ के दुर्गम इलाकों में बसे लोगों की सुविधा के लिए न तो ठोस योजनाएं बनाईं और न ही इनके लिए कोई कार्य किया। सरकारी योजनाएं बस कागज़ों में ही सिमट कर रह जाती हैं। उन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के मंत्री, विधायक एवं नेतागण सिर्फ अपनी जेबें गर्म करने में ही व्यस्त रहते हैं, इन्हें उत्तराखंड के आमजन की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है।
जनसेवी भावना पांडे ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ों में विशेषकर दुर्गम एवँ अतिदुर्गम इलाकों में शीघ्र ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य समेत सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाईं जाएं, जिससे कठिनाइयों भरा जीवन व्यतीत कर रहे वहां के लोगों को थोड़ी राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि वे पहाड़ों के विकास के लिए मजबूत योजनाएं बनाए और जल्द ही उन्हें अमल में लाए। तभी पहाड़ सी ज़िन्दगी थोड़ी आसान हो पाएगी।