चारधाम यात्रा में नज़र आ रही अव्यवस्थाएं, श्रद्धालुओं को झेलनी पड़ रही तकलीफें : भावना पांडे
देहरादून। उत्तराखंड में जारी चारधाम यात्रा के दौरान यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं को सरकारी तंत्र की लापरवाही के चलते कईं तकलीफे झेलनी पड़ रही हैं और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ये कहना है प्रसिद्ध जनसेवी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे का।
मीडिया को जारी अपने बयान में जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल के कारण बीते दो वर्षों से चारधाम यात्रा प्रभावित हुई थी। इस साल कई राज्यों से शासन और प्रशासन को पूर्व से ही इस बात के संकेत मिल रहे थे कि इस बार यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण यहाँ पहुंच सकते हैं। इसे लेकर यदि सरकारी तंत्र द्वारा होमवर्क किया गया होता तो आज श्रद्धालुओं की भीड़ के आगे व्यवस्थाएं बौनी व अस्त-व्यस्त नजर नहीं आती।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने समाचार पत्रों में प्रकाशित “यात्रा मार्ग में अव्यवस्थाओं” से संबंधित खबरों का ज़िक्र करते हुए कहा कि रोजाना ही अखबारों में चारधाम यात्रा के बारे में व यात्रियों की परेशानियों के बारे में खबरें छपती रहती हैं किंतु शासन व प्रशासन इन अव्यवस्थाओं को सुधारने व यात्रियों की सुध लेने की कोशिश नहीं करता।
जेसीपी मुखिया भावना पांडे ने कहा कि सरकार की ओर से इस वर्ष ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई थी। जिस वजह से धामों में दर्शन के स्लॉट लंबी अवधि के लिए बुक हो गए। वहीं अब ऑफलाइन पंजीकरण के नाम पर फर्जीवाड़ा बढ़ता ही जा रहा है और श्रद्धालु आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। इसके अलावा चारधाम यात्रा संचालन के प्रमुख केंद्र ऋषिकेश में श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध कराई गई तमाम व्यवस्थां आस्था के सैलाब के आगे बौनी नजर आ रही हैं।
उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा बस टर्मिनल कंपाउंड में यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरों तक की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी एक दूसरे पर मढ़ते नज़र आते हैं।ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। इसके साथ ही बस टर्मिनल कंपाउंड के प्लेटफार्म में पूरे दिन श्रद्धालु पंजीकरण के लिए मौजूद रहते हैं। रात में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां सो रहे हैं। परिवहन निगम की बसों को कंपाउंड के भीतर ही धोया जा रहा है। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा उत्तर प्रदेश जैसे लंबे रूट से आने वाली बसों की स्टाफ की ओर से यहीं पर धुलाई की जा रही है। जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने अखबारों में प्रकाशित खबरों का हवाला देते हुए कहा कि पंजीकरण केंद्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए टीन शेड की व्यवस्था की गई है। इससे आगे कुछ हिस्से में टेंट लगाया गया है। जिसमें सीमित संख्या में ही श्रद्धालु खड़े हो सकते हैं। वर्तमान में करीब दो हजार श्रद्धालु पंजीकरण की लाइन में खड़े होते हैं और धूप से बचाव के लिए इनके पास प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है। स्वयं की छतरी और प्लास्टिक की पन्नी से यह लोग धूप से बचाव करने को मजबूर हैं।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि बस टर्मिनल कंपाउंड में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ के अनुपात में शौचालय की व्यवस्था नहीं है। सुलभ इंटरनेशनल की ओर से यहां दो शौचालय की व्यवस्था की गई है। सार्वजनिक मंत्रालय की अतिरिक्त व्यवस्था नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सुबह-सुबह यात्रा अड्डा और चंद्रभागा पुल के मध्य सड़क के किनारे व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बाहर लोग खुले में शौच करते हैं। चंद्रभागा नदी किनारे भी बड़ी संख्या में लोग खुले में शौच के लिए जा रहे हैं। बस अड्डे के समीप वन विभाग की भूमि शौच के काम आ रही है। यहां खड़ी बसों की आड में यात्री मूत्र विसर्जन कर रहे हैं। ज्यादा गर्मी में यहां से उठने वाली दुर्गंध बीमारियों को न्योता दे रही है। यहां मोबाइल टायलेट की कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं स्वास्थ्य सुविधाएं भी न के बराबर ही नज़र आ रहीं हैं।
जनसेवी भावना पांडे ने उत्तराखंड सरकार से मांग करते हुए कहा कि चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों की सुविधाओं का ध्यान रखा जाए। पंजीकरण, स्वास्थ्य, शौचालय एवं विश्राम आदि सभी जरुरी सुविधाएं चारधाम यात्रियों को तत्काल मुहैया करवाई जाएं, जिससे देशभर में देवभूमि उत्तराखंड की छवि खराब होने से बच सके।