Breaking NewsBusinessNational

इंडिगो की आधे से ज्यादा फ्लाइट्स में हुई भारी देरी, DGCA ने मांगा जवाब

नई दिल्ली। स्टाफ की भारी कमी के कारण देशभर में इंडिगो (IndiGo) की कई उड़ानों में देरी हुई। इस वजह से कई यात्रियों को सफर करने के दौरान भारी असुविधा हुई। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इंडिगो के खिलाफ कड़ा संज्ञान लिया है और देशभर में कई सारी उड़ानों देरी के लिए कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा है।

इंडिगो की फ्लाइट्स क्यों हुईं डिलें

केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को इंडिगो की केवल 45 फीसदी उड़ानें ही समय पर संचालित हो पाईं। पीटीआई के अनुसार बड़ी संख्या में चालक दल के सदस्यों ने सिक लीव ली और एयर इंडिया के भर्ती अभियान के लिए चले गए। उद्योग के एक अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया, “एयर इंडिया के भर्ती अभियान का दूसरा चरण शनिवार को आयोजित किया गया था और सिक लीव (बीमारी की छुट्टी) लेने वाले इंडिगो के अधिकांश केबिन क्रू सदस्य इसके लिए गए थे।”

अब विमानन नियामक, नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने फ्लाइट्स में भारी देरी पर एयरलाइन से स्पष्टीकरण मांगा है। बता दे कि इंडिगो घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मिलाकर 1600 से अधिक उड़ानें संचालित करती है, जिनमें से आधे से ज्यादा शनिवार को देरी से चल रहीं थीं।

इंडिगो ने कही थी अतिरिक्त उड़ानें चलाने की बात 

घरेलू विमानन कंपनी इंडिगो ने 29 जून को कहा कि वह दिल्ली-लेह, दिल्ली-श्रीनगर और लखनऊ-पंतनगर रूट पर एक जुलाई से अतिरिक्त उड़ानें संचालित करेगी। इंडिगो के मुख्य रणनीति और राजस्व अधिकारी संजय कुमार ने बयान में कहा था कि बढ़ी हुई मांग को देखते हुए इन मार्गों पर अतिरिक्त उड़ानें संचालित करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली-लेह, दिल्ली-श्रीनगर और लखनऊ-पंतनगर मार्गों पर अपनी उड़ानों की संख्या बढ़ाकर हम खुश हैं।’’

संजय कुमार ने कहा कि इंडिगो को दिल्ली-लेह मार्ग पर काफी ज्यादा मांग का सामना करना पड़ रहा है। उड़ानें बढ़ने के बाद दिल्ली से लेह के लिए एयरलाइन रोजाना तीन उड़ानें संचालित करने लगेगी। इसके अलावा लखनऊ-पंतनगर मार्ग पर भी इंडिगो की उड़ानों की काफी मांग देखी गई है। उड़ानें बढ़ने के बाद इस मार्ग पर सप्ताह में पांच उड़ानें संचालित होने लगेंगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button