ग्रामीण महिलाओं के साथ अभद्रता की घटना की जनसेवी भावना पांडे ने की घोर निंदा, आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की
देहरादून। वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने चमोली जनपद के हेलंग गांव में ग्रामीण महिलाओं के साथ अभद्रता की घटना की घोर निंदा करते हुए आरोपित पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में महिलाओं के साथ इस तरह की अभद्रता पूर्ण घटना बेहद ही शर्मनाक एवं निंदनीय है। उन्होंने कहा कि हेलंग गांव में अपने पालतू पशुओं के लिए चारा काट कर ले जा रही महिलाओं के साथ पुलिस ने बल पूर्वक अभद्रता की। यही नहीं उनका चारा-पत्ती छीनकर उन्हें घंटों तक थाने में बैठाकर प्रताड़ित किया गया। साथ ही आपराधिक धाराओं में चालान करने के बाद उन्हें छोड़ा गया।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने कहा कि अपने पशुओं के लिए जंगल से चारा एकत्र करना पहाड़ की महिलाओं का मूलभूत अधिकार है। पशुपालन के ज़रिए ही ग्रामीण महिलाएं अपनी आजीविका चला रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी पाये जाने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि यह शर्मनाक घटना, उत्तराखंड की अस्मिता व स्वाभिमान पर चोट है। उत्तराखंड की माताएं-बहने अपने पशुओं के लिए चारा व घास आदि एकत्रित कर परिवार के जीवन यापन में सहयोग करती हैं। कमरतोड़ महंगाई की मार से त्रस्त माता- बहनों के साथ किया गया दुर्व्यवहार उत्तराखंड की मातृशक्ति का अपमान है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में जल विद्युत परियोजनाओं के नाम पर हजारों नाली भूमि, जंगल, चारागाह की भूमि, पनघट व पंचायत की भूमि पहले ही कंपनियों को दे दी गई है। इसके बाद भी कंपनियों की नीयत सामूहिक हक-हकूक की भूमि को भी हड़पने की है। इससे आम ग्रामीणों के सम्मुख घास, चारा व लकड़ी का संकट पैदा हो गया है। यह घटना इसी का परिणाम है।
जनसेवी भावना पांडे ने हेलंग में पुलिस और सीआइएसएफ जवानों की ओर से महिलाओं से चारापत्ती छीनने और महिलाओं संग बदसलूकी के मामले में रोष एवं नाराजगी जताई है। उन्होंने सरकार व प्रशासन से प्रकरण की जांच कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग की है।