उत्तराखंड में रुकने का नाम नहीं ले रहे भर्ती घोटाले, जनसेवी भावना पांडे ने जताया रोष
देहरादून। उत्तराखंड में भर्ती घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्रदेश में धड़ल्ले से हो रहे भर्ती घोटालों पर वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी, उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने रोष जताया है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने अपना क्रोध ज़ाहिर करते हुए कहा कि भाजपा सरकार के राज में प्रदेश में रोजाना ही नये भर्ती घोटाले उजागर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में फिर से सहकारिता विभाग में भर्ती घोटाला सामने आया है। चुड़ियाला साधन सहकारी समिति और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में कुल नौ लोगों की गलत तरीके से नियुक्तियां कर दी गई। चहेतों को फिट करने के लिए नियमों को ताक पर रखा गया। मामले का खुलासा होने पर किरकिरी से बचने के लिए आनन-फानन में नौकरी पा चुके कर्मचारियों की नियुक्तियां को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के आदेश कर दिये गए।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि हरिद्वार जनपद में 43 सहकारी समितियां हैं। इन समितियों द्वारा खाद और अन्य सहकारी सेवाएं किसानों व ग्रामीणों को दी जाती हैं, लेकिन समितियों में करीबियों को नौकरी देने के लिए मानकों की धज्जियां उड़ रही हैं। खास बात यह है कि न तो कोई परीक्षा कराई कराई जा रही है और न ही स्टापिंग पैटर्न को अपनाया जा रहा।
उन्होंने कहा कि समितियों के घाटे और कमाई को भी दरकिनार करते हुए भर्तियां की जा रही हैं। ऐसी ही एक शिकायत चुड़ियाला और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में हुई नियुक्तियों को लेकर की गई थी। शिकायत पर जिला सहायक निबंधक ने जांच बिठाई थी। अपर जिला सहकारी अधिकारी की अध्यक्षता में जांच कमेटी का गठन किया गया। कमेटी की जांच में भगवानपुर विकासखंड क्षेत्र की चुड़ियाला साधन सहकारी समिति में चार और तेज्जूपुर साधन सहकारी समिति में पांच कर्मचारियों की नियमों को ताक पर रखकर नियुक्ति देने की पुष्टि हुई। दोनों समितियों में वर्ष 2017-18 में कर्मचारियों को बिना चयन प्रक्रिया अपनाए तैनाती दी गई। अब चार साल बाद फर्जी ढंग से भर्ती हुए कर्मचारियों की नियुक्ति को निरस्त करने के आदेश हो गए हैं।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि इसी वर्ष मई में हरिद्वार जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में अनियमितताओं को ताक पर रखकर तैनात किए गए नौ कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा चुुुका है। 19 लोगों के लिए हुई भर्ती में नियमों को धता बताते हुए अयोग्य लोगों को नियुक्ति दे गई थी। लेकिन जांच पड़ताल के बाद रिपोर्ट मिलने पर डीसीबी बोर्ड ने कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
जनसेवी भावना पांडे ने आक्रोश जाहिर करते हुए कहा कि अकेले हरिद्वार जनपद में ही बड़े स्तर पर समितियों में बिना कोई चयन प्रक्रिया अपनाए हुए कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। जिनमें कई समितियों में भर्ती प्रक्रिया की जांच भी चल रही है। इन समितियों की जांच रिपोर्ट भी जल्द आने वाली है। ऐसे में माना जा रहा है कि सहकारिता में और भी भर्ती घोटाले सामने आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश का लगभग यही हाल है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में रोज़ाना भर्ती घोटाले उजागर होने से ये साफ ज़ाहिर हो रहा है कि भाजपा के राज में प्रदेश के बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ किस प्रकार खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के साथ किसी भी प्रकार के अन्याय को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रोज़ाना हो रहे भर्ती घोटालों से निराश हो चुके राज्य के बेरोजगार युवाओं के हक़ के लिए वे हमेशा लड़ती रहेंगी और अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाती रहेंगी।