भर्ती घोटाले को लेकर जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने भाजपा और कांग्रेस पर साधा निशाना
देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी प्रसिद्ध, जनसेवी एवं जनता कैबिनेट पार्टी (जेसीपी) की केंद्रीय अध्यक्ष भावना पांडे ने उत्तराखंड में भर्ती घोटाले को लेकर भाजपा और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने इन धांधलियों के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों को जिम्मेदार ठहराया है।
वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने मीडिया को जारी अपने एक बयान में कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दल एक ही थैली के चट्टे बट्टे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा का कार्यकाल हो या फिर कांग्रेस का दोनों ही पार्टियों के नेता अपने चहेतों पर मेहरबान रहे हैं। उत्तराखंड में हुए भर्ती घोटाले इस बात का सबूत हैं कि किस प्रकार उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया।
जेसीपी अध्यक्ष भावना पांडे ने कहा कि कांग्रेस के कार्यकाल में हुए भर्ती घोटालों की पोल भी अब खुल रही है। कल तक जो कांग्रेस पार्टी बीजेपी पर धांधली के आरोप मढ़ रही थी, अब उसी कांग्रेस के नेता मुँह छिपाते फिर रहे हैं। अब ये सारे खुलासे हो रहे हैं कि किस तरह से कांग्रेस नेताओं ने अपने परिजनों, रिश्तेदारों एवं करीबियों को बड़े-बड़े पदों पर आसीन करवाया।
जनसेवी भावना पांडे ने कहा कि आज उत्तराखंड की जनता बेहाल है। यहाँ पहले तो भर्तियां निकलती ही नहीं हैं और जब निकाली जाती भी हैं तो उनमें भारी घोटाले किये जाते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के भीतर यदि किसी भी विभाग में जाकर देखा जाए तो लगभग सभी पदों पर बाहरी राज्यों के लोग काबिज हैं, जबकि उत्तराखंड का पढ़ा-लिखा युवा बेरोजगार होकर दर-दर की ठोकरें खाने को विवश हो रहा है।
उत्तराखंड की बेटी भावना पांडे ने बड़ी मांग करते हुए कहा कि “उत्तराखंड की जनता को ना भाजपा चाहिए और ना कांग्रेस, अब उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए।” उन्होंने कहा कि जब नेताओं ने विधायक और मंत्री बनकर आमजन के साथ धोखा ही करना है और अपने करीबियों का ही भला करना है तो फिर इनसे प्रदेश की जनता क्या उम्मीद करे। उन्होंने कहा कि राज्य के नेता प्रदेश में धांधली और घोटालों के अलावा कोई ऐसा कार्य नहीं कर रहे जिससे आमजन का भला हो सके।
देवभूमि की बेटी भावना पांडे ने कहा कि आज उत्तराखंड में स्कूल, कॉलेज और अस्पतालों की हालत दयनीय है। राज्य में ज़्यादातर कॉलेज और आईआईटी बन्द हो चुके हैं, यही नहीं कईं उद्योग भी खत्म हो गए। सिर्फ नौकरियां ही नहीं उत्तराखंड में कईं योजनाओं के बड़े-बड़े ठेके भी बाहरी लोगों को दिये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का आम व्यक्ति त्राहिमाम कर रहा है, राज्य का बेरोजगार युवा न्याय की मांग कर रहा है लेकिन ये सरकार कुंभकर्णी निंद्रा में सोई हुई है।