डॉ. अभिनव कपूर ने गुरू हरराय जी की पुण्यतिथि पर अर्पित किये श्रद्धासुमन
जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- धर्म, ज्ञान और शांति के प्रचारक, सिक्खों के सातवें गुरू महापुरूष गुरू हरराय जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन।
देहरादून। प्रसिद्ध जनसेवी, विख्यात शिक्षक एवं ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ. अभिनव कपूर ने सिक्खों के सातवें गुरू, गुरू हरराय जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए सादर नमन किया।
इस अवसर पर जारी अपने संदेश में जनसेवी डॉ. अभिनव कपूर ने कहा- धर्म, ज्ञान और शांति के प्रचारक, सिक्खों के सातवें गुरू महापुरूष गुरू हरराय जी की पुण्यतिथि पर कोटिशः नमन।
डॉ, अभिनव कपूर ने गुरु हरराय के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु हरराय का जन्म सन् 16 जनवरी, 1630 ई. में पंजाब में हुआ था। गुरु हरराय जी एक महान् आध्यात्मिक व राष्ट्रवादी महापुरुष थे। गुरु हरराय सिखों के छठे गुरु के पुत्र बाबा गुरदिता जी के छोटे बेटे थे। जिनका जन्म बाबा गुरुदिता जी के घर माता निहाल कौर की कोख से हुआ था। गुरु हरगोविन्द साहिब जी ने ज्योति जोत समाने से पहले, अपने पोते हरराय जी को 14 वर्ष की छोटी आयु में 3 मार्च 1644 को ‘सप्तम नानक’ के रूप में स्थापित किया। गुरु हरराय साहिब जी का विवाह अनूप शहर, उत्तर प्रदेश के दया राम जी की पुत्री किशन कौर जी के साथ सम्वत् 1697 में हुआ था। गुरु हरराय साहिब जी के दो पुत्र रामराय जी, हरकिशन साहिब जी (गुरु) थे। गुरु हरराय साहिब जी का शांत व्यक्तित्व लोगों को प्रभावित करता था। गुरु हरराय साहिब जी ने अपने दादा गुरु हरगोविन्द साहिब जी के सिख योद्धाओं के दल को पुनर्गठित किया था। गुरु हरराय एक आध्यात्मिक पुरुष होने के साथ.साथ एक राजनीतिज्ञ भी थे।