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राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा- उत्तराखंड में रुका हुआ है विकास का पहिया

जनसेवी भावना पांडे ने कहा- आज बड़े पैमाने पर राज्य से पलायन हो रहा है। युवाओं के पास रोजगार नहीं है। बेरोजगारी की मार झेल रहे राज्य के युवा या तो यहाँ से पलायन कर रहे हैं या सड़कों पर ठोकरे खाने को विवश हो रहे हैं।

देहरादून। उत्तराखंड की बेटी, राज्य आंदोलनकारी एवं प्रसिद्ध जनसेवी भावना पांडे ने पहाड़वासियों की पीड़ा बयां करते हुए कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ी व दुर्गम क्षेत्रों में आज भी सुविधाओं का अभाव है। पहाड़ की जनता मूलभूत जरूरतों के लिए तरस रही है। पहाड़ों में कईं ग्राम सभाओं में पक्की सड़कें नहीं है, स्कूल नहीं हैं और जो स्कूल हैं भी तो वे बहुत दूर हैं। जिस वजह से गाँव के छोटे-छोटे मासूम बच्चों को कईं किलोमीटर पैदल चलकर, पथरीले रास्तों पर चढ़ाई चढ़कर, कईं जगहों पर उफनते नालों को पार करके व जंगली जानवरों से बचते-बचाते हुए अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने जाना पड़ता है।

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि उत्तराखंड में विकास का पहिया रुका हुआ है, जिस वजह से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है। देवभूमि के कईं पौराणिक एवँ धार्मिक स्थलों तक आज भी सड़कें नहीं पहुंच पाई हैं। प्रदेश के अधिकांश ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल रखरखाव के अभाव में सरकारी उपेक्षा के शिकार बने हुए हैं। इन तमाम मुद्दों पर राज्य सरकार एवं पर्यटन विभाग पूरी तरह से उदासीन बना हुआ है।

जनसेवी भावना पांडे ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि ये हमारे उत्तराखंड के लिए बड़े ही दुर्भाग्य की बात है कि आज बड़े पैमाने पर राज्य से पलायन हो रहा है। युवाओं के पास रोजगार नहीं है। बेरोजगारी की मार झेल रहे राज्य के युवा या तो यहाँ से पलायन कर रहे हैं या सड़कों पर ठोकरे खाने को विवश हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के पास उत्तराखंड के युवाओं के हित के लिए ठोस योजनाएं नहीं हैं और जो हैं भी तो वो बस कागज़ों तक ही सिमटकर रह गईं हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री धामी एवँ उनके कैबिनेट मंत्रियों को सन्देश देते हुए कहा कि उत्तराखंड की जनता ने 22 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए पुनः भाजपा पर भरोसा जताकर उसे प्रदेश की सत्ता की चाबी सौंपी है। अब भाजपा की सरकार और उसके मंत्रियों का भी ये कर्तव्य बनता है कि राज्य हित में बड़े-बड़े कार्य करें जिसकी सदियों तक लोग मिसाल दे सकें और राज्य की त्रस्त जनता को भी राहत मिल सके।

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