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अगर आप भी बारिश में चलाते हैं कार तो हो जायें सावधान!

नई दिल्ली। बारिश के मौसम में कार का एसी चलाते वक्त बेहद सावधानी बरतें क्योंकि छोटी से चूक जानलेवा भी साबित हो सकती है। खासकर ऐसी जगह पर एसी चलाने से बचें जहां पर बारिश के कारण जलभराव हो गया हो। ध्यान रहे कि कार का साइलेंसर यानी एग्जॉस्ट पाइप पानी में नहीं डूब रहा हो। एग्जॉस्ट पाइप पानी में डूबने के कारण रिस्क बढ़ जाती है। अगर आपको याद हो तो करीब पांच साल पहले यानी 2013 में जयपुर में एक शख्स की कार के एसी ने जान ले ली थी। तब किसी को यह बात समझ नहीं आ रही थी कि आखिर बारिश में एसी चलाने से जान कैसे जा सकती है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसके तकनीकि पहलू को समझें तो हर गाड़ी की एग्जॉस्ट गैस में काफी हद तक कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस पाई जाती है। जलभराव में अगर कार का एग्जॉस्ट पाइप डूबा है और उससे निकलने वाली गैसों का दवाब पानी के दवाब से कम है और कार में एसी सर्कुलेट मोड में चल रहा है तो बाहर न निकल पाने वाली गैस भी गाड़ी के भीतर सर्कुलेट होने लगती है।

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इस गैस की कोई खास गंध नहीं होती है, यानी इसकी गंध महसूस नहीं होती है तो ऐसे में अंदर बैठे व्यक्ति को इसके बारे में पता नहीं लग पाता है। हलांकि एग्जॉस्ट गैस में शामिल बाकी गैसों की गंध महसूस की जा सकती है। कार्बन मोनो ऑक्साइड को लगातार सूंघने पर शरीर निष्क्रिय होने लगता है। हालांकि दिमाग की सक्रियता बनी रहती है लेकिन शरीर का हाल यहां तक हो जाता है कि हाथ तक उठाए नहीं बनता है। जहरीली कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस के कारण शरीर पर लाल रंग के धब्बे बन जाते हैं।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह गैस हवा से भी हल्की होती है इसलिए करीब 240 गुना तेजी से इंसानों के फेफड़ों में चली जाती है। यह रक्त कोशिकाओं के जरिये हीमोग्लोबिन में मिल जाती है। समय पर उपचान न मिलने पर दम घुटने से व्यक्ति की मौत हो जाती है। इस गैस को साइलेंट किलर गैस भी कहा जाता है। तो अब जब भी बारिश के मौसम में या बारिश के दौरान कार लेकर निकलें तो इन बातों का जरूर ख्याल रखें।

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