बुझी नहीं अमर जवान ज्योति, नेशनल वॉर मेमोरियल में किया जा रहा समाहित

नई दिल्ली अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है। इसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में विलय किया जा रहा है। यह अजीब बात है कि अमर जवान ज्योति की लौ को 1971 और अन्य युद्धों के शहीदों की याद में प्रज्ज्वलित किया गया था, वहां उन युद्धों में शहीद हुए लोगों के नाम मौजूद नहीं नहीं हैं।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि इंडिया गेट पर अंकित नाम केवल उन चंद शहीदों के हैं जिन्होंने प्रथम विश्व युद्ध और आंग्ल-अफगान युद्ध में अंग्रेजों की ओर से युद्ध लड़ा था। इस तरह से यह हमारे औपनिवेशिक अतीत का प्रतीक है। इसलिए नेशनल वॉर मेमोरियल में अमर जवान ज्योति की लौ को समाहित किया जा रहा है।
दरअसल, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में 1971 के युद्ध, उसके पहले और बाद के युद्धों सहित सभी लड़ी गई लड़ाइयों के भारतीय शहीदों के नाम अंकित किए गए हैं। इसलिए वहां शहीदों के लिए श्रद्धांजलि स्वरूप जलाई गई ज्योत ही उन शहीदों को सही मायनों अर्पित की गई श्रद्धांजलि है। यह बड़ी विडंबना यह है कि जिन लोगों ने पिछले 7 दशकों तक कोई नेशनल वॉर मेमोरियल नहीं बनाया, वे हमारे शहीदों को स्थायी और उचित श्रद्धांजलि देने पर हंगामा कर रहे हैं।
Names inscribed on India Gate, where Amar Jawan Jyoti flame was, are of those who fought World War 1 and Anglo Afghan War for the Britishers, not those who fell in 1971 and wars before and after. National War Memorial War is where they have been honoured, hence decision to merge.
— Amit Malviya (@amitmalviya) January 21, 2022
बता दें कि, नेशनल वॉर मेमोरियल देश का इकलौता ऐसा स्मारक है जहां ट्राई सर्विस यानी आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के सैनिकों के नाम एक छत के नीचे हैं। नेशनल वॉर मेमोरियल में चार लेयर हैं यानी चार चक्र। सबसे अंदर का चक्र अमर चक्र है जिसमें 15.5 मीटर ऊंचा स्मारक स्तंभ है जिसमें अमर ज्योति जल रही है। यह ज्योति शहीद सैनिकों की आत्मा की अमरता का प्रतीक है साथ ही एक आश्वासन कि राष्ट्र अपने सैनिकों के बलिदान को कभी नहीं भुलाएगा। दूसरी लेयर है वीरता चक्र, जिसमें आर्मी, एयर फोर्स और नेवी द्वारा लड़ी गई छह अहम लड़ाइयों को बताया गया है। तीसरी लेयर त्याग च्रक में शहीद सैनिकों के नाम हैं जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी। यह नाम 1.5 मीटर की दीवार पर लिखे हैं। सुरक्षा चक्र में 695 पेड़ हैं जो देश की रक्षा में तैनात जवानों को दर्शाते हैं।