अमरीका पर तबाही के तूफ़ान का ख़तरा, आपातकाल की घोषणा

वॉशिंगटन: मौसम विज्ञानियों ने चेतावनी दी है कि अमरीका के पूर्वी तट पर स्थित इलाक़ों में जिस फ़्लोरेंस चक्रवात के टकराने का डर बना हुआ है, वो बीते तीन दशक का सबसे बड़ा चक्रवात साबित हो सकता है. मौसम विज्ञानियों के अनुसार, अटलांटिक के गर्म जल से इस चक्रवात को ताक़त मिल रही है और आने वाले समय में इसके और भी अधिक शक्तिशाली होने की उम्मीद है.
मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि अगले 48 घंटे में चक्रवात के साथ बढ़ते पानी से तटीय इलाक़ों में जान और माल पर ख़तरा बढ़ सकता है. अधिकारियों का कहना है कि फ़्लोरेंस अब चौथी श्रेणी का तूफ़ान बन चुका है और इसके अंदर क़रीब 225 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल रही हैं. माना जा रहा है कि यह ख़तरनाक चक्रवात गुरुवार को अमरीका के विल्मिंगटन (उत्तरी कैरोलाइना) में दस्तक दे सकता है.
इस चक्रवात को देखते हुए वर्जीनिया, मेरीलैंड, वॉशिंगटन, उत्तर और दक्षिणी कैरोलाइना में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है. उत्तरी कैरोलाइना के गवर्नर रॉय कूपर ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ये तूफ़ान एक विशाल शातिर दैत्य जैसा है. ये बेहद ख़तरनाक है और ये एक ऐतिहासिक चक्रवात है. अमरीकी मौसम विभाग के ताज़ा अपडेट के अनुसार, ये चक्रवात मंगलवार शाम को उत्तरी कैरोलाइना से क़रीब 1,000 किलोमीटर दूर था.
इस अपडेट में कहा गया है कि फ़्लोरेंस चक्रवात क़रीब 28 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है और बुधवार को इसके और मज़बूत होने की उम्मीद है. हालांकि मौसम विभाग के अधिकारियों का ये भी अनुमान है कि फ़्लोरेंस चक्रवात गुरुवार को कुछ कमज़ोर पड़ सकता है. लेकिन ज़मीन से टकराने के बाद ये एक बेहद ख़तरनाक तूफ़ान होगा.
नेशनल हरिकेन सेंटर (एनएचसी) ने फ्लोरेंस को ‘बेहद ख़तरनाक’ मौसमी घटना बताया है. ये तटीय और अंदरूनी इलाक़ों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण तबाही मचा सकता है. एनएचसी ने कहा है, “फ्लोरेंस के कारण जानलेवा प्रभाव पैदा हो सकते हैं. तटों पर 13 फ़ुट ऊंची लहरें उठ सकती हैं और क़रीब 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से चलने वाली चक्रवात की ताक़तवर हवाएं भारी तबाही मचा सकती हैं.” फ़्लोरेंस चक्रवात के कारण कुछ इलाक़ों में 64 सेंटीमीटर तक बारिश हो सकती है और भारी-बारिश के कारण अंदरूनी इलाक़ों में पानी भरने से बाढ़ आ सकती है.
अमरीका के कुछ नामी मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फ़्लोरेंस चक्रवात साल 1989 में आये ह्यूगो नाम के उस बड़े तूफ़ान से भी ज़्यादा भयानक साबित हो सकता है, जिसकी वजह से 49 लोगों की मौत हो गई थी और अमरीका को क़रीब 700 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ था. इस चक्रवात से अमरीका के ब्रुंसविक परमाणु संयंत्र पर भी ख़तरा है क्योंकि उत्तरी कैरोलाइना में जिस जगह इस चक्रवात के ज़मीन से टकराने की संभावना है, ये संयंत्र वहाँ से कुछ ही मील की दूरी पर स्थित साउथपोर्ट में है.