अपने प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकल ऐड नहीं देगा ट्विटर
वॉशिंगटन। ट्विटर ने कहा कि वह दुनियाभर में अपने प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक विज्ञापन नहीं देगा। सोशल मीडिया पर राजनेताओं द्वारा दी जा रही गलत सूचनाओं पर चिंता जताते हुए यह फैसला लिया गया है। ट्विटर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जैक डोर्सी ने कहा कि कमर्शियल विज्ञापनदाताओं के लिए इंटरनेट पर विज्ञापन बेहद प्रभावी होते हैं। राजनीति में इससे बड़ा जोखिम हो सकता है।
डोर्सी ने ट्वीट किया कि इंटरनेट विज्ञापन व्यावसायिक विज्ञापनदाताओं के लिए अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली और बेहद प्रभावी हैं। राजनीति में इसका इस्तेमाल वोटों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। इससे लाखों लोगों का जीवन प्रभावित होगा। हालांकि, फेसबुक पहले ही साफ कर चुका है कि वह राजनीतिक विज्ञापनों को बंद नहीं करेगा।
ट्विटर के नए नियम22 नवंबर से लागू
डोर्सी ने कहा, ‘‘नई नीति के बारे में विस्तृत जानकारी अगले महीने जारी की जाएगी। ट्विटर के नए नियम 22 नवंबर से लागू होंगे। राजनीतिक मुद्दों के साथ-साथ उम्मीदवारों के विज्ञापनों पर भी प्रतिबंध रहेगा। पहले हम केवल उम्मीदवारों के विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने वाले थे। लेकिन, यह भी सही नहीं है कि वे उन मुद्दों से जुड़े विज्ञापन खरीद लें, जिन पर वे ज्यादा जोर देना चाहते हैं।’’
फेसबुक ने कहा- राजनीतिक विज्ञापन राजस्व का मुख्य श्रोत नहीं
फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा कि राजनीतिक विज्ञापन राजस्व का प्रमुख स्रोत नहीं है। लेकिन उनका मानना है कि इसके जरिए हर किसी को आवाज देना जरूरी है। लेकिन, विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने से इससे केवल सत्ताधारियों को फायदा होगा।
ट्विटर ने कहा- यहां बात सिद्धांत की है, पैसे की नहीं
उधर, डेमोक्रेटिक नेता हिलेरी क्लिंटन ने राजनीतिक विज्ञापनों पर बैन लगाने के ट्विटर के फैसले की सराहना की। साथ ही उन्होंने फेसबुक को इस पर विचार करने के लिए कहा। ट्विटर के मुख्य वित्तीय अधिकारी नेड सहगल ने कहा कि इस कदम से थोड़ा वित्तीय प्रभाव भी पड़ेगा। लेकिन, यहां बात सिद्धांत की है, पैसे की नहीं।