विदेश मंत्रालय से मिली मंजूरी, भारत-नेपाल सीमा पर बनेंगे दो मोटर पुल
विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि को इस बारे में पत्र भेजकर सूचना दी है। राज्य सरकार दोनों मोटर पुलों की डीपीआर के लिए थर्ड पार्टी निविदा आमंत्रित करेगी।
देहरादून। भारत-नेपाल के बीच रोटी और बेटी के रिश्तों को और मजबूती देने के लिए दोनों देशों के बीच जल्द दो और मोटर पुल बनाए जाएंगे। ये दोनों पुल उत्तराखंड सीमा पर बनेंगे। केंद्रीय विदेश मंत्रालय ने इन के निर्माण की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सचिव लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। दोनों पुलों के निर्माण का खर्च विदेश मंत्रालय वहन करेगा। विदेश मंत्रालय ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव और सचिव लोनिवि को इस बारे में पत्र भेजकर सूचना दी है। राज्य सरकार दोनों मोटर पुलों की डीपीआर के लिए थर्ड पार्टी निविदा आमंत्रित करेगी।
इनमें पहला पुल भारत-नेपाल सीमा पर झूलाघाट में और दूसरा शिरशा में बनेगा। वर्तमान में मौजूद झूलाघाट पुल पिथौरागढ़ से करीब 38 किमी फासले पर है। काली नदी पर बना यह एक छोटा पुल है। उत्तराखंड और नेपाल के लोग इस पुल के जरिये साइकिल या मोटरसाइकिल से एक-दूसरे की सीमा में प्रवेश करते हैं।
वे व्यापर और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए आते-जाते हैं। नदी की तरफ कस्टम ऑफिस व सीमा शुल्क कार्यालय भी बना है। लंबे समय से यहां एक मोटर पुल बनाने की आवश्यकता महसूस हो रही है। काली नदी पर ही शिरशा में भी पुल बनाना प्रस्तावित है। अब दोनों पुलों के निर्माण के लिए डीपीआर बनाई जाएगी।
मोदी-प्रचंड की वार्ता में हुई थी दोनों पुलों पर चर्चा
जून में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भारत यात्रा पर आए थे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इन दोनों मोटर पुलों के निर्माण पर चर्चा हुई थी। पीएम मोदी ने प्रचंड को मोटर पुलों के निर्माण के लिए आश्वस्त किया था। इसी कड़ी में विदेश मंत्रालय ने कार्रवाई शुरू कर दी है।