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अतिक्रमण हटाने गयी प्रशासन की टीम पर हमला, व्यापारी ने उठाया एसपी सिटी पर हाथ

देहरादून। राजधानी दून के प्रेमनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने गयी प्रशासन की टीम को व्यापारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को प्रेमनगर में अवैध दुकान ढहाने के दौरान हंगामा मच गया। अतिक्रमण ढहाने गई टीम को जमकर आक्रोश झेलना पड़ा। गुस्साए दुकानदार धरने पर बैठ गए। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा। प्रेमनगर बाजार में अतिक्रमण हटाने के लिए शुक्रवार को ‘महाअभियान’ चलाया गया। सुबह करीब आठ बजे यहां बड़े पैमाने पर तोड़फोड़ शुरू हो गई। जिसके विरोध में व्यवसायी धरने पर बैठ गए। उन्होंने पक्षपात का आरोप लगाया। कहा कि पहले अवैध अतिक्रमण हटाओ, फिर हम खुद अपनी दुकानें तोड़ेंगे।

अगर हमारी दुकानें अवैध हैं तो नक्शा पास क्यों किया गया? प्रशासन ने अवैध काम क्यों किया? व्यापारियों ने अधिकारियों को बुलाने की बात भी कही। इस दौरान एक व्यापारी ने आत्मदाह की धमकी भी दे डाली। लेकिन उसके बाद वह खुद ही अपना शो रूम तोड़ने में लग गया। गुस्साए लोगों ने टीम से नोक-झोंक कर दी। जिसके बाद लोगों को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। एक व्यापारी ने तो एसपी सिटी पर हाथ तक उठा दिया।

प्रेमनगर में 155 अतिक्रमण चिन्हित किए गए थे। इन्हीं को ध्वस्त करने के लिए शुक्रवार को यह अभियान चलेगा। हालांकि, पहले ये विधायकों के धरने के बाद ध्वस्त नहीं किया गया था। मगर, अब कोर्ट ने इस मामले में फिर से सख्ती बरती है। लिहाजा, प्रशासन अब वापस लौटेगा इस बात की संभावनाएं न के बराबर मानी जा रही हैं। यही कारण कि इस बार पहले से अधिक फोर्स और अन्य योजनाएं बनाई गई हैं।

बता दें कि यहां 155 दुकानें अतिक्रमण के जद में हैं। यहां अतिक्रमण हटाने को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। भाजपा के चार विधायक ही अतिक्रमण विरोधी अभियान के खिलाफ खड़े हो गए थे। लिहाजा इस बार सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। शुक्रवार को प्रेमनगर बाजार पूरी तरह से जीरो जोन रहा। यहां से गुजरने वाले यातायात को विभिन्न वैकल्पिक मार्गों से होते हुए भेजा गया। वहीं पहली बार अतिक्रमण हटाने के लिए पोकलैंड मशीन की मदद ली गई।

उधर, प्रेमनगर में अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध कर चुके विधायक गणेश जोशी अब भी अपने पुराने रवैये पर अड़े हैं। वे बृहस्पतिवार को भी एडीएम के साथ प्रेमनगर गए और अपनी बात रखी। गणेश जोशी का कहना है कि यहां ज्यादातर लोग सरकार की ओर से दिए गए पट्टे पर बसे हैं। ऐसी स्थिति में सरकार उन्हें कैसे उजाड़ सकती है। इसका कोई माकूल विकल्प तलाशना चाहिए।

गौरतलब है कि प्रेमनगर बाजार का बहुत बड़ा हिस्सा अतिक्रमण की जद में है। पिछले महीने अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। कोर्ट के आदेश के तत्काल बाद चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के विरोध में चार भाजपा विधायकों के सामने आने पर स्थानीय व्यापारियों के हौसले बढ़ गए थे, इसके उल्टे अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाने वाली मशीनरी बैकफुट पर आ गई थी। शुक्रवार को भी रूट डायवर्जन से लेकर विभिन्न स्थानों पर फोर्स भी तैनात की गई है।

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