बड़े लेनदेन के लिए आधार की केवाईसी कराना होगा जरूरी!
नई दिल्ली। अगर आप सालाना अपने बैंक खाते में एक निश्चित राशि से ज्यादा रकम जमा करते हैं या निकालते हैं तो जल्द ही सिर्फ पैन की जानकारी काफी नहीं होगी। इकॉनमी में करंसी के ज्यादा प्रवाह पर नकेल कसने के लिए एक निश्चित मूल्य से ज्यादा राशि के लेनदेन पर सरकार आधार को प्रमाणित कराना जरूरी बनाने की योजना बना रही है। आप बायोमीट्रिक टूल या वन टाइम पासवर्ड का इस्तेमाल कर केवाईसी करवा सकते हैं।
फाइनैंशल बिल में प्रस्तावित विधेयकों के अनुसार इसका दायरा कई दूसरे बड़े लेवल के ट्रांजैक्शन्स जैसे तय सीमा से अधिक विदेशी करंसी की खरीद तक भी बढ़ाया जाएगा, जहां अभी तक सिर्फ पैन की जानकारी देना काफी होता था। एक सूत्र ने बताया कि ठीक इसी तरह किसी निश्चित मूल्य के प्रॉपर्टी लेनदेन के मामले में भी केवल आपके आधार या पैन की जानकारी देना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन के समय आधार के प्रमाणीकरण की भी जरूरत होगी।
एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘हम इस तरह से सीमा तय करना चाहते हैं कि छोटे ट्रांजैक्शन को बिना कोई दिक्कत दिए, केवल ऐसे लोग को ट्रैक किया जा सके जो एक निश्चित मूल्य से अधिक का ट्रांजैक्शन करते हैं। हालांकि इन सीमाओं पर अभी काम करने की जरूरत है लेकिन बायोमीट्रिक टूल्स या फिर ओटीपी का इस्तेमाल करके आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य करने से 10 से 25 लाख तक के डिपॉजिट या विद्ड्रॉल का पता लगाया जा सकता है।’
सूत्रों ने बताया कि इस कदम की इसलिए भी जरूरत थी क्योंकि कुछ जमाकर्ता फर्जी पैन नंबर का इस्तेमाल करते हैं जिससे उनके ट्रांजैक्शन को ट्रैक नहीं किया जा पाता। हालांकि यह पूरी तरह से विश्वसनीय तो नहीं कहा जा सकता लेकिन इससे फ्रॉड को कम करने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगी।