विजिलेंस अधिकारी बनकर सिंचाई विभाग के प्रधान सहायक से ठगे रुपये, जानिए पूरा मामला
एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
हल्द्वानी। मुख्य अभियंता सिंचाई विभाग कार्यालय कालाढूंगी रोड में प्रधान सहायक के पद में तैनात उमेश चन्द्र कोठारी से चार लोगों ने विजिलेंस का अधिकारी बनकर एक लाख रुपये ठग लिए। आरोपियों ने प्रधान सहायक को कुछ वीडियो भी दिखाए। पैसा नहीं देने पर ट्रैप करने और वीडियो वायरल करने की धमकी दी। प्रधान सहायक की तहरीर पर पुलिस ने महिला सहित चार अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
प्रधान सहायक उमेश चंद्र कोठारी ने पुलिस को दी तहरीर में कहा कि बृहस्पतिवार दोपहर करीब 11:30 बजे एक महिला सहित चार लोग उनके दफ्तर पहुंचे। आरोपियों ने अपने आप को विजिलेंस अधिकारी बताया। एक आरोपी ने अपने मोबाइल में उसके कुछ टेप किए हुए आधे-अधूरे वीडियो दिखाए। विजिलेंस कार्ड दिखाते हुए धमकाया। उन्होंने कहा कि एक लाख रुपये देने पर वह मामला रफा-दफा कर देंगे। ऐसा नहीं करने पर वह उसे फंसा देंगे। साथ ही वीडियो भी वायरल कर देंगे।
कहना है कि वह आरोपियों की धमकियों से डर गए। एक आरोपी के साथ बाइक में जाकर अपने बैंक से 70 हजार रुपये निकाले। एक दोस्त से 30 हजार रुपये उधार लिए और आरोपियों को एक लाख रुपये की रकम दे दी। कहना है कि डर के चलते वह पुलिस में शिकायत दर्ज नहीं करा पाए।
बताया कि आरोपी यूएस नगर नंबर की सफेद कार से आए थे। एसएसपी पंकज भट्ट ने बताया कि तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है।
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से भी हुई ऐसी वसूली
लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ भी ऐसी वसूली की चर्चा कुछ दिन पूर्व शहर में फैल रही थी। लोक निर्माण विभाग के सूत्रों ने बताया कि रुद्रपुर और हल्द्वानी क्षेत्र के कथित पत्रकार पहले स्टिंग किया। फिर लोनिवि के अधिकारियों से भारी भरकम राशि वसूल की। हालांकि इस बारे में कोई अधिकारी बताने को तैयार नहीं है।
ऐसे बना रहे हैं निशाना
हल्द्वानी और रुद्रपुर का एक बड़ा गैंग इस पर काम कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि पहले कुछ लोग ठेकेदार बनकर आते हैं। उनके पास हिडन कैमरा होता है। वह एक सप्ताह तक अधिकारियों और बाबुओं से दोस्ती करते हैं। इस दौरान उन्हें गिफ्ट, मिठाई आदि भी दी जाती है। इसके बाद वे ठेका लेने की बात करते हैं। ठेका कैसे मैनेज किया जाता है, इसकी जानकारी भी लेते हैं। विभाग में कितना प्रतिशत कमीशन जाता है इसके बारे में भी पूछते हैं। इस पूरे खेल को कैमरे में रिकार्ड कर लेते हैं।
इसके बाद अधिकारियों को ब्लैक मेल किया जाता है और उनसे भारी भरकम पैसे की डिमांड की जाती है। पैसा नहीं देने पर वीडियो वायरल करने और पोर्टल व टीवी चैनल पर चलाने की धमकी दी जाती है।