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भाजपाइयों को सफलता का पाठ पढ़ा गए शाह

देहरादून। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने दो दिवसीय प्रवास के अंतिम दिन कार्यकर्ताओं को पार्टी को अजेय बनाने का मूलमंत्र दिया। मंडल पर्यंत बैठक में उन्होंने पार्टी के जिला और मंडल स्तरीय पदाधिकारियों से कहा कि वे पार्टी को बूथ स्तर तक सशक्त बनाने में जुटने का संदेश लेकर जाएं। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक कार्यकर्ता को तीन-तीन बूथ लेने का लक्ष्य भी दिया।

कार्यकर्ता प्रत्येक बूथ स्तर पर प्रवास कर संवाद के जरिये पार्टी को मजबूती देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह चार माह बाद बूथवार प्रगति की समीक्षा करेंगे। सर्वे आफ इंडिया के स्टेडियम में मंडल पर्यंत बैठक में जिला पदाधिकारियों, मोर्चा जिलाध्यक्ष व महामंत्री, मंडल अध्यक्ष व महामंत्री और प्रकोष्ठों के जिला संयोजकों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि भाजपा की आत्मा मंडल इकाइयों के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने विस चुनाव में मिले प्रचंड बहुमत का श्रेय भी कार्यकर्ताओं को दिया। कहा कि पार्टी कोई भी चुनाव जीतती है तो उसका पथ बूथ स्तर के कार्यकर्ता ही प्रशस्त करते हैं।

जिला व मंडल स्तर के पदाधिकारियों की बैठक में शाह का कार्यकर्ताओं से संवाद एकतरफा रहा। शाह ने अपनी बात रखने के साथ ही कार्यकर्ताओं को लक्ष्य भी दिया। हालांकि, कार्यकर्ता इस बात को लेकर उत्साहित थे कि शाह उनसे सीधा संवाद भी करेंगे और कई तो तैयारियां भी करके आए थे, लेकिन समयाभाव को देखते हुए ऐसा नहीं हो पाया।

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बैठक में शिरकत करने आए भाजपाइयों में सेल्फी लेने की होड़ भी लगी रही। कई कार्यकर्ता शाह के साथ फोटो लेना चाहते थे, लेकिन उनकी हसरत पूरी नहीं हो पाई।

भाजपा अध्यक्ष ने संबोधन की शुरुआत में भारत माता की जय का नारा लगाया तो कार्यकर्ताओं के बीच से कम आवाज आई। इस पर शाह बोले, आप तीन चौथाई बहुमत से जीते हो, आवाज ऐसी आनी चाहिए कि दिल्ली में मोदीजी को भी सुनाई पड़े।

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने छह माह के कामकाज को लेकर प्रदेश की त्रिवेंद्र रावत सरकार की पीठ थपथपाई, साथ में यह भी कहा कि मोदी और त्रिवेंद्र रावत के नेतृत्व में उत्तराखंड को आदर्श राज्य बनाया जाएगा। प्रदेश संगठन और निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं के बीच शाह की ओर से दिए गए इस संदेश को राज्य सरकार, खासतौर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के लिए हौसलाअफजाही के रूप में देखा जा रहा है।

मीडिया के सवालों के जवाब और भाजपा के जिला और मंडलस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक में शाह ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत को लेकर पार्टी हाईकमान के रुख को स्पष्ट करने में देर नहीं लगाई। मंत्रियों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और संगठन के पदाधिकारियों के बीच मनमुटाव को भी शाह ने जिस तरह खारिज किया, उसे संगठन और सरकार दोनों में ही बेहतर तालमेल की उनकी नसीहत के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। लाइब्रेरी में उत्तराखंड एकांश है। इसमें राज्य का संपूर्ण इतिहास तो समाहित है ही, जनसंघ और भाजपा के बड़े नेताओं की उत्तराखंड यात्राओं से जुड़े 15 चित्रों के अलावा कुछ अभिलेख भी संग्रहित किए गए हैं। न सिर्फ डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बल्कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी समेत भाजपा के अन्य प्रेरकों के चित्र भी संग्रहित किए गए हैं।

भाजपा कार्यालय में ई-लाइब्रेरी के बाद जनसंघ के संस्थापक और पार्टी के प्रेरक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन दर्शन पर बनी 11 मिनट की डाक्यूमेंट्री को देखते वक्त भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह खो से गए। उन्होंने उत्तराखंड के इतिहास से संबंधित पुस्तकों के अलावा ई-लाइब्रेरी में संग्रहित राज्य से जुड़े दुर्लभ चित्रों के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश में लगातार बढ़ रहे सांगठनिक जिलों पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजस्व जिलों से अधिक सांगठनिक जिलों के गठन का कोई औचित्य नहीं है। राजस्व जिलों में ही बेहतर क्षमता के साथ काम किया जा सकता है। उन्होंने प्रकल्पों को सप्ताह में एक दिन पार्टी मुख्यालय में बैठने के लिए निश्चित करने के निर्देश दिए। प्रकल्पों व विभागों की बैठक के दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने सभी के कार्यों की बारीकी से समीक्षा की। इस दौरान उन्हें बताया गया कि भाजपा के 23 सांगठनिक जिले हैं जबकि राजस्व जिले कुल 13 हैं। उन्होंने इस पर अचरज जताया। उन्होंने कहा कि छोटे प्रदेश में इतने सांगठनिक जिलों की जरूरत नहीं है।

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