भारत की चीन को दो टूक, कहा- आतंक के खिलाफ जमीनी स्तर पर करे कार्रवाई
बीजिंग, प्रेट्र। भारत और चीन आज बीजिंग में अपनी पहली रणनीतिक वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों पक्ष आतंकवादी मसूद अजहर और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे टकराव के बिंदुओं सहित आपसी चिंता एवं हित के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे। द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायरे में आने वाले आपसी हित के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए होने वाली इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन के कार्यकारी उपाध्यक्ष हांग येसुई करेंगे।
पिछले साल अगस्त में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान रणनीतिक वार्ता शुरू करने का फैसला किया गया था। चीन के कार्यकारी विदेश उप मंत्री झांग येसुई के साथ सामारिक संवाद में शामिल होने के अलावा जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। सामारिक संवाद के महत्व को तवज्जो देते हुए चीन की सरकार ने इसके लिए झांग को तैनात किया है जो चीनी विदेश मंत्रालय की प्रभावशाली सीपीसी समिति के प्रमुख भी हैं। अमेरिका में चीनी राजदूत रह चुके झांग मुख्य रूप से अमेरिका एवं तावाइन से संबंधित मामलों को देखते हैं।
यांग जिएची से मिले जयशंकर
विदेश सचिव एस जयशंकर मंगलवार को चीन पहुंचे। उन्होंने चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर दोनों ने जोर दिया। जिएची स्टेट काउंसलर के साथ-साथ भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता के लिए बीजिंग के विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
जिएची ने संबंधों को मजबूती देने के लिए बीजिंग में भारतीय राजदूत के तौर पर जयशंकर की भूमिका की सराहना की। जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत थे।
गौरतलब है कि चीन ने पिछले साल मसूद को प्रतिबंधित करने के भारत के आवेदन पर संयुक्त राष्ट्र में तकनीकी आधार पर दो बार रोक लगा दी थी। एनएसजी में भारत के प्रवेश का भी वह विरोध कर रहा है, जबकि समूह के अन्य देश इसके लिए तैयार हैं।
बीजिंग, प्रेट्र। भारत और चीन आज बीजिंग में अपनी पहली रणनीतिक वार्ता करेंगे, जिसमें दोनों पक्ष आतंकवादी मसूद अजहर और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे टकराव के बिंदुओं सहित आपसी चिंता एवं हित के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे। द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायरे में आने वाले आपसी हित के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए होने वाली इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन के कार्यकारी उपाध्यक्ष हांग येसुई करेंगे।
पिछले साल अगस्त में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान रणनीतिक वार्ता शुरू करने का फैसला किया गया था। चीन के कार्यकारी विदेश उप मंत्री झांग येसुई के साथ सामारिक संवाद में शामिल होने के अलावा जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। सामारिक संवाद के महत्व को तवज्जो देते हुए चीन की सरकार ने इसके लिए झांग को तैनात किया है जो चीनी विदेश मंत्रालय की प्रभावशाली सीपीसी समिति के प्रमुख भी हैं। अमेरिका में चीनी राजदूत रह चुके झांग मुख्य रूप से अमेरिका एवं तावाइन से संबंधित मामलों को देखते हैं।
यांग जिएची से मिले जयशंकर
विदेश सचिव एस जयशंकर मंगलवार को चीन पहुंचे। उन्होंने चीन के शीर्ष राजनयिक यांग जिएची से मुलाकात की। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर दोनों ने जोर दिया। जिएची स्टेट काउंसलर के साथ-साथ भारत और चीन के बीच सीमा वार्ता के लिए बीजिंग के विशेष प्रतिनिधि भी हैं।
जिएची ने संबंधों को मजबूती देने के लिए बीजिंग में भारतीय राजदूत के तौर पर जयशंकर की भूमिका की सराहना की। जयशंकर 2009 से 2013 तक चीन में भारत के राजदूत थे।
गौरतलब है कि चीन ने पिछले साल मसूद को प्रतिबंधित करने के भारत के आवेदन पर संयुक्त राष्ट्र में तकनीकी आधार पर दो बार रोक लगा दी थी। एनएसजी में भारत के प्रवेश का भी वह विरोध कर रहा है, जबकि समूह के अन्य देश इसके लिए तैयार हैं।
भारत और चीन के बीच बीजिंग में आज आतंकवाद के मुद्दे पर विशेष और अहम बातचीत हुई है। इस दौरान भारत ने आतंकवाद के मुद्दे पर चीन के रूख की सराहना करते हुए साफतौर पर कहा कि सिर्फ कहने भर से ही कुछ नहीं होगा, बल्कि चीन को जमीनी स्तर पर इसके खिलाफ कार्रवाई करनी होगा। इस बातचीत में भारत की तरफ से विदेश सचिव जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने हिस्सा लिया। बातचीत के दौरान दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खात्मे को लेकर कड़ा कदम उठाने पर जोर दिया गया। दोनों देशों ने उम्मीद जताई है कि इस बातचीत के दौरान निकले निष्कर्षों को आने वाले समय में लागू भी किया जाएगा। बातचीत के दौरान जयशंकर और वांग यी ने माना कि आतंकवाद के खात्मे के लिए दोनों ही देशों को कुछ जरूरी कदम उठाने की भी आवश्यकता है।
आज ही दोनों देशों के बीच पहली रणनीतिक वार्ता भी होनी है। द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दायरे में आने वाले आपसी हित के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए होने वाली इस बैठक की सह-अध्यक्षता विदेश सचिव एस जयशंकर और चीन के कार्यकारी उपाध्यक्ष हांग येसुई करेंगे। इस बातचीत में दोनों पक्ष आतंकवादी मसूद अजहर और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) जैसे टकराव के बिंदुओं सहित आपसी चिंता एवं हित के प्रमुख मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
गौरतलब है कि पिछले साल अगस्त में चीन के विदेश मंत्री वांग यी की यात्रा के दौरान रणनीतिक वार्ता शुरू करने का फैसला किया गया था। चीन के कार्यकारी विदेश उप मंत्री झांग येसुई के साथ सामारिक संवाद में शामिल होने के अलावा जयशंकर चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात कर सकते हैं। सामारिक संवाद के महत्व को तवज्जो देते हुए चीन की सरकार ने इसके लिए झांग को तैनात किया है जो चीनी विदेश मंत्रालय की प्रभावशाली सीपीसी समिति के प्रमुख भी हैं। अमेरिका में चीनी राजदूत रह चुके झांग मुख्य रूप से अमेरिका एवं तावाइन से संबंधित मामलों को देखते हैं।