भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगाने को एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
पांवटा साहिब, (कमल सिंह कठैत)। भारी वाहनों की क्षेत्र में आवाजाही रोकने की मांग को लेकर स्थानीय निवासियों ने एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा। प्राप्त जानकारी के अनुसार उपमंडल पांवटा साहिब के देवी नगर में मंगलवार को क्षेत्रवासियों का गुस्सा इस समय फूटा जब लोगों की मांग पर एसडीएम पांवटा साहिब एलआर वर्मा पांवटा साहिब रामपुर घाट रोड का निरीक्षण करने व समस्याएं सुनने पहुंचे।
क्षेत्रवासियों ने एसडीएम एलआर वर्मा को सौंपे ज्ञापन में कहा कि सभी देवीनगर के निवासियों की फरियाद है कि जब से क्षेत्र में स्टोन क्रशर चलने शुरू हुए तब से हालत बहुत ख़राब हो गई। क्योंकि पहले कुछ ट्रक और ट्रैक्टर चलते थे लेकिन अब इस सड़क पर रोज़ाना क़रीब एक हज़ार ट्रेक्टर और ट्रकों की आवाजाही हो रही है।
उन्होंने कहा कि लोग किसी के व्यवसाय में कोई व्यवधान नहीं डालना चाहते क्योंकि हमें मालूम है कि देश के विकास में ऐसे उद्योग अपना योगदान कर रहे हैं। लेकिन बर्दाश्त करने की हिम्मत अब नहीं रही। पहले यही सोच कर कुछ नहीं कहा जाता था कि यह उद्योग चलाने वाले भी हमारे अपने हैं शायद कुछ समाधान करेंगें लेकिन हालत सुधरने की बजाय बदतर होती गई।
क्षेत्रवासियों ने कहा कि देवीनगर एक रिहायसी आबादी वाला इलाका है जहाँ लोंगों ने सड़क के साथ कानूनी दूरी पर अपने मकान बनाये हैं जो भारी वाहनों के चलने से हिलते हैं। दिन तो किसी तरह निकल जाता है लेकिन रात को स्थिति और भयावह हो जाती है जब 9 बजे के बाद दोनों तरफ से हॉर्न बजाते पूरी रफ़्तार से भारी वाहन यहाँ से गुजरते हैं। बुजुर्गों के लिए यह एक त्रासदी भी हो जाती है जब रात को हॉर्न या ट्रक की आवाज़ से नीद खुल जाती है तो सारी रात बैठ कर काटनी पड़ती है।
रात को 1 बजे से 3 बजे के बीच जब यह वाहन रफ़्तार से जाते हैं तो डर लगता है। अब सुबह शाम का घूमना तो खतरे से खाली नहीं रहा। चूँकि यह वाहन नदी से रेत बजरी ले कर आते हैं इसलिए इनके टायरों में रेत और मिटटी लिपटी हुई आती है और पूरी सड़क पर फ़ैल जाती है और बाद में वही मिट्टी उड़ कर घरों में और पूरे इलाके में पंहुच जाती है। जिसके कारण सांस लेना दूभर हो जाता है और इसी के कारण श्वास की बीमारी बढ़ रही है।
लोगों ने कहा कि भारी वाहनों के बेतहाशा दौड़ने से इस सड़क पर अब तक कई लोंगों की मौत हो चुकी है। यह सड़क व्यावसायिक मोटर वाहन चलने के लायक नहीं है क्योंकि इसकी चौड़ाई इतनी कम है कि अगर दूसरी तरफ से कोई भारी वाहन आता जाता है तो जाम लग जाता है। कुछ वर्ष पहले जब स्थिति बहुत ख़राब हो गई थी तो प्रशासन से गुहार की गई थी तब उपमंडलाधिकारी की संस्तुति पर जिलाधीश ने एक अधिसूचना संख्या 24420 तारीख 1 जनवरी 2018 को जारी की थी, जिसमें इस सड़क के समय का जिक्र है। चूँकि उस समय कम गाड़ियाँ चलती थीं इसलिए लोग चुप रहे लेकिन अब हालात बहुत ख़राब हो गए हैं एक अलार्मिंग स्थिति हो गई है।
लोगों ने सुझाव देते हुए कहा कि कुछ तात्कालिक और कुछ दूरगामी सुझाव प्रस्तुत हैं। जिससे समस्या का स्थाई समाधान निकाला जा सकता है और देवीनगर निवासी राहत की सांस ले सकें। इसलिए यदि इसे उचित समझें तो लागू करने की कृपा करें। लोगों ने मांग की है कि इस मार्ग को तत्काल वन वे किया जाये। भरी गाड़ी इस मार्ग से आये और खाली गाड़ी बांगरन रोड हो कर रामपुर घाट जाये।
तत्काल सड़क पर पानी के छिडकाव की व्यवस्था की जाये जो डेंटल कॉलेज से विश्वकर्मा चौक तक हो।
कुछ दिनों बाद रामपुर-हीरपुर सड़क को टू लेन किया जाये जिससे औद्योगिक क्षेत्र से वाहन जा सकें। साथ ही इस समस्या का स्थाई समाधान केवल यमुना नदी के किनारे- किनारे कच्ची सड़क का निर्माण ही है जो रामपुर से गोविन्दघाट बैरियर तक आ सकती है। जिसको बनाने के लिए सरकार प्राथमिकता के आधार पर पहल करें। इस कार्य के लिए खनन मालिकों द्वारा डीएमएफटी में किये गए योगदान का पैसा लगाया जा सकता है। इस कार्य के लिए क्रशर मालिकों का भी सहयोग लिया जा सकता है।
ज्ञापन देने वाले क्षेत्रवासियों में समाजसेवी राजेंद्र तिवारी, नीरज गर्ग, जसपाल सिंह, विपिन कुमार, अमित, अनीता गर्ग, हेमा शर्मा, कृतिका मित्तल, आनंद, गुलशन, रश्मि एवँ सुनीता गौतम आदि शामिल रहे।