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भय्यू जी महाराज की मौत को लेकर हुआ बड़ा खुलासा

भोपाल। भय्यूजी महाराज के बारे में कहा जाता था कि वे एक बहुत अच्छे फेस रीडर हैं, यहां तक कि लोग उनके पास अपने मन को शांत करने के उपाय जानने के लिए भी पहुंचते थे। लेकिन दूसरों के घरों की कलह शांत कराने वाला यह संत अपने ही घर की कलह से नहीं उबर पाया। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक भय्यू जी महाराज की दूसरी शादी के बाद से ही उनकी निजी जिंदगी में विवादों को सिलसिला शुरू हो गया था, जो कि लगातार बढ़ता जा रहा था। माना जा रहा है कि संपत्ति और निजी विवादों के चलते ही भय्यूजी महाराज को खुद को गोली मारने पर मजबूर होना पड़ा। फिलहाल भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट भी सामने आ गया है जो काफी कुछ साफ कर रहा है।

सामने आया सुसाइड नोट:

ताजा जानकारी के मुताबिक भय्यूजी महाराज का सुसाइड नोट भी सामने आ गया है। सुसाइड नोट में उन्होंने लिखा है कि अब परिवार में किसी को जिम्मेदारियां संभालनी चाहिए। मैं परेशान हूं और जा रहा हूं। (SOMEBODY SHOULD BE THERE TO HANDLE DUTIES OF FAMILY. I AM LEAVING TO MUCH STRESS OUT. FED UP.)

भय्यूजी महाराज के इस सुसाइड नोट के बाद यह साफ हो चुका है कि वह काफी लम्बे समय से परेशान थे और पारिवारिक कारणों से ही उन्होंने खुद की जान लेने का कदम उठाया।

BHAIYYUJI MAHARAJ DEATH

अपने सामाजिक कार्यों के लिए माने जाने वाले भय्यूजी महाराज अपनी लाइफस्टाइल के लिए भी उतने ही प्रसिद्ध थे। सफेद रंग के मर्सिडीज एसयूवी में ही चलने वाले इस संत के फॉलोवर बहुत अधिक नहीं थे, लेकिन जो थे वह उन्हें काफी मानते थे। यात्राओँ के दौरान वह हमेशा ही महंगे रिसॉर्ट्स में रुकते थे। राजनेताओं और कारोबारियों के बीच भय्यूजी महाराज उनकी अच्‍छी पैठ थी। बड़े लोग समय-समय पर उनसे राय लिया करते थे। इसके अलावा उनकी वेबसाइट पर युवा राष्‍ट्र संत श्री सद्गुरु भय्यूजी महाराज को आधात्मिक गुरु, समाज सुधारक और मोटीवेटर दर्शाया गया है। भय्यूजी महाराज की वेबसाइट के मुताबिक वह लोगों के जवीन में खुशहाली लाने का काम करते थे। बीते साल ही उनकी शादी इंदौर स्थित डॉक्‍टर से हुई थी, हालांकि उनके दोबारा शादी करने के फैसले से उनके कई फॉलोवर्स नाराज भी हुए थे।

भय्यू जी महाराज ने मंगलवार 12 जून को अपने बंगले पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली। हालाँकि अभी तक इस घटना की आपराधिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन बताया जा रहा है कि भय्यूजी महाराज ने आत्महत्या ही की है। घटना के फौरन बाद उन्हें इंदौर के बॉम्बे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी मौत हो गई। अप्रैल 2016 में सार्वजनिक जीवन से संन्यास लेने वाले भय्यूजी की पूरी जिंदगी बड़ी ही अनोखी नजर आती है और अब जब उनकी मौत हो गई है, तब भी लोग इस बात पर हैरान हैं कि आखिर दूसरों के घरों की कलह शांत कराने वाला यह संत अपने घर की कलह से क्यों नहीं जूझ पाया।

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Bhayyu ji maharaj

पारिवारिक विवाद बने अवसाद का कारण:

एक अंग्रेजी अखबार से हुई बातचीत में इंदौर के डीआईजी हरीनारायणचारी मिश्रा ने बताया है कि उनकी आत्‍महत्‍या के पीछे पारिवारिक विवाद कारण माना जा रहा है। यह भी अफवाह है कि वह इस कारण अवसाद में थे। भय्यूजी के खुद को गोली मारने के बाद उन्‍हें इंदौर के बांबे अस्‍पताल में गंभीर अवस्‍था में भर्ती कराया गया था। जहां पर उनकी मौत हो गई।

अनोखी थी भय्यू जी की लाइफस्टाइल

भय्यूजी महाराज उन्हीं 5 संतों में से एक थे, जिन्हें शिवराज सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था, हालांकि उन्होंने उसे ठुकरा दिया था। 29 अप्रैल 1968 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में जन्मे भय्यूजी महाराज के चहेतों के बीच धारणा है कि उन्हें भगवान दत्तात्रेय का आशीर्वाद हासिल है। महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा मिला हुआ था। वह सूर्य की उपासना करते थे इतना ही नहीं उनके पास घंटों जल समाधि करने का भी अनुभव था। भय्यूजी महाराज का राजनीतिक क्षेत्र में खासा प्रभाव रहा है। वैसे तो मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की राजनीति में भय्यू जी महाराज गाहे बगाहे नजर आ ही जाते थे, लेकिन वे उस वक्त पहली बार देश भर में चर्चा का केन्द्र बन गए थे जब उन्होंने दिल्ली के रामलीला मैदान में अन्ना हजारे का अनशन तुड़वाया था।

BHAIYYUJI MAHARAJ DEATH

भय्यू जी महाराज की लाइफस्टाइल हमेशा ही चर्चाओं में रही है। भय्यूजी महाराज गृहस्थ जीवन में रहते थे, लेकिन फिर भी उन्होंने संत जैसी जिंदगी ही बिताई। भय्यू जी के नाम के आगे महाराज जरूर लगा था लेकिन वे अक्सर ही ट्रैक सूट में भी नजर आते थे और पैंट-शर्ट में भी। कभी वह एक किसान की तरह वह अपने खेतों को जोतते-बोते नजर आते थे तो कभी बढ़िया क्रिकेट खेलते हुए उन्हें देखा गया है। घुड़सवारी और तलवारबाजी में वह माहिर तो थे ही बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कविताएं भी लिखते थे।

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