सावधान: अदरक के नाम पर बाजार में बिक रही तहड़, असली-नकली की ऐसे करें पहचान
नई दिल्ली। ‘अदरक’ एक ऐसी आयुर्वेदिक औषधि है जो हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है और आसानी से उपलब्ध है लेकिन बाजार में अब अदरक भी नकली (fake ginger) बिक रही है। बहुत कम लोग इस बात काे जानते होंगे कि अदरक का सर्वाधिक उत्पादन भारत में ही होता है। विश्च में 2700 टन के लगभग अदरक (ginger) का उत्पादन होता है जिसका 30 फीसदी यानी 900 टन से अधिक का उत्पादन हमारे देश भारत में होता है।
कोरोना काल के बाद अदरक का महत्व और अधिक बढ़ गया है लेकिन चिंता की बात यह है कि अब बाजार में नकली अदरक की खेप उतारी जा रही है। ऐसे में आप बाजार से जो अदरक खरीदकर ला रहे हैं वह कितनी किफायती और सेहतमंद है ? इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। अब सवाल यह उठता है कि अदरक की पहचान कैसे की जाए ? ताे चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कौन सी अदरक सबसे अच्छी होती है और बाजार में कितने प्रकार की अदरक बेची जा रही है।
अदरक के व्यापारी बताते हैं कि अदरक की कई तरह की वैरायटी और क्वालिटी होती हैं। बाजार में इस समय कर्नाटक, बंगलूरु, उड़ीसा और गुजरात से अदरक आ रही है। व्यापारियों का कहना है कि कर्नाटक की अदरक सबसे बढ़िया और देशी होती है। वहीं बंगलूरु की अदरक का बोया जाने वाला कंद विदेशी होता है। यह अदरक हाईब्रिड क्वालिटी का होता है। व्यापारी कहते हैं जो देशी और बेहतरीन अदरक होती है उसके भीतर जाली पड़ी होती है और रेशे होते हैं। वह अदरक सेहत के लिए और आयुर्वेद के लिए सबसे उम्दा होती है। कर्नाटक की अदरक इसी तरह की होती है। उन्होंने बताया कि अदरक खरीदते समय अदरक के भीतर जाली और रेशे का ध्यान रखें। खरीदते समय थोड़ी सी अदरक तोड़़कर देखने मात्र से जाली और रेशे का पता चल जाता है।
अदरक बताकर बेची जा रही पहाड़ी तहड़
पौड़ी गढवाल और चमोली के ऊपरी हिस्से में एक पेड़ होता है जिसे तहड़ बोला जाता है। इसका कंद भी बिल्कुल अदरक जैसा होता है। तहड़ हालांकि ज्यादा बड़ा पेड़ नहीं होता लेकिन इसकी ऊचाई करीब पांच फिट के आसपास होती है। इस तहड़ को पहाड़ में अदरक के स्थान पर आयुर्वेद के रूप में प्रयोग करते हैं लेकिन अब यही तहड़ मैदानी इलाकों में अदरक में मिलाकर बेची जा रही है। तहड़ सूखकर बिल्कुल अदरक जैसी हो जाती है और दिखने में भी बिल्कुल अदरक जैसी शक्ल-सूरत में होती है। इसको अदरक के बीच मिलाकर बेचा जा रहा है। हालांकि तहड़ को भी आयुर्वेद के रूप में पहाड़ों में प्रयोग किया जाता है लेकिन ये अदरक नही है।
अदरक खरीदते समय रखें ये ध्यान
अदरक व्यापारियों के अनुसार ने देशी अदरक बारीक चाल की होती है। उसकी पहचान खुशबू और अदरक में पड़ने वाली जाली से की जा सकती है। उन्होंने बताया कि बंगलुरु की अदरक ज्यादा दिन तक घर में नहीं रखी जा सकती जबकि कर्नाटक की अदरक कई दिनों तक घर में रखी जा सकती है। यह जितनी पुरानी होगी उतना ही इसका स्वाद और गुण बढ़ेगा। अदरक जितना जलीदार और रेशेदार होगा वह उतनी ही गुणकारी और स्वाद वाली होगी। मंजूर का कहना है कि अदरक खरीदने से पहले उसकी गंध और स्वाद देख लेना चाहिए।